मैक्स हॉस्पिटल की दादागिरी, बच्चों के इलाज के लिए मांगे थे 50 लाख

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मैक्स हॉस्पिटल की दादागिरी, बच्चों के इलाज के लिए मांगे थे 50 लाख
मैक्स हॉस्पिटल की दादागिरी, बच्चों के इलाज के लिए मांगे थे 50 लाख

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली के शालीमार बाग स्थित प्रसिद्ध मैक्स हॉस्पिटल में बीते दिनों लापरवाही का मामला सामना आया था। डॉक्टर ने यहां पैदा हुए दो जुड़वा बच्चों को मरा हुआ बताकर उन्हें प्लास्टिक के बैग में डालकर परिजनों को सौंप दिया था।बाद में एक बच्चा जिंदा निकला था। इसके बाद नवजात के पिता आशीष ने शालीमार बाग पुलिस स्टेशन में FIR कराई, जिसमें उन्होंने बताया है कि उनकी पत्नी वर्षा 6 महीने की गर्भवती थी और डॉक्टरों के अनुसार उनके बचने के चांस केवल 10 से 15% ही थे। डॉक्टरों ने हमें 35,000 हजार के तीन इंजेक्शन लाने के लिए कहा और बाद में दावा किया कि इन इंजेक्शन के कारण उनके बचने के चांस 30% बढ़ गए हैं। 

पीड़ित ने बताया कि हॉस्पिटल ने उसके दोनों नवजात बच्चों का नर्सरी में रखकर इलाज करने के लिए 50 हजार रुपये हर दिन यानि दो बच्चों के लिए 1 लाख रुपए की मांग की थी और कहा था कि 3 महीने तक बच्चों को नर्सरी में रखा जाएगा। जिसका बिल कुल 50 लाख रुपये बनेगा। जब मैंने कहा कि इतने पैसे चुकाने में असमर्थता हूं तो अगले ही दिन अस्पताल ने दोनों बच्चों को मरा हुआ बताकर और उसे प्लास्टिक के बैग में पैक कर उन्हें थमा दिया।

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स्वास्थ्य मंत्री ने कही कड़ी कार्रवाई की बात
इस मामले को देखते हुए दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने शनिवार को कहा कि मैक्स हॉस्पिटल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और यदि जरूरत पड़ी तो उसका लाइसेंस भी रद्द किया जाएगा। जैन ने कहा, "जब हमें हॉस्पिटल की लापरवाही के बारे में पता चला तो हमने इसकी जांच के आदेश दिए। मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि यदि वे सही ढंग से काम नहीं करेंगे तो हम हॉस्पिटल का लाइसेंस रद्द कर देंगे।" उन्होंने कहा कि सोमवार तक जांच की रिर्पोट आ जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि हॉस्पिटल को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के मरीजों का सही से इलाज नहीं करने के लिए 22 नवंबर को भी कारण बताओ नोटिस दिया गया था। 

पीड़ित पिता ने की सख्त कार्रवाई की मांग
पीड़ित पिता ने इस पूरे मामले के दोषी डॉक्टरों और कर्मचारियों पर सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की है। बता दें कि दिल्ली पुलिस ने इस गंभीर मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस प्रवक्ता दीपेंद्र पाठक ने इसकी पुष्टि की है। उन्होंने ट्वीट किया, "यह घटना चौंकाने वाली है। यह लापरवाही की हद है। दिल्ली पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा कानूनी विशेषज्ञ और दिल्ली मेडिकल काउंसिल से राय ली जा रही है। परिस्थितियों का ब्योरा भी हासिल किया जा रहा है। सभी तथ्यों का विश्लेषण करने के बाद कार्रवाई की जाएगी।" केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा ने भी दिल्ली सरकार से मामले में रिपोर्ट तलब किया है।

अस्पताल ने शुरू की जांच
मैक्स हॉस्पिटल की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि, "यह हमारे संज्ञान में आया है कि शालीमार बाग के मैक्स अस्पताल ने 22 सप्ताह के नवजात को मृत बताकर परिवार को सौंप दिया। यह नवजात 30 नवंबर की सुबह पैदा हुए जुड़वां बच्चों में से एक था, जबकि दूसरा पैदा होते ही मर गया था। हम इस घटना से दुखी और चिंतित हैं। हमने इसकी जांच शुरू कर दी है और इस मामले से जुड़े चिकित्सक को तुरंत छुट्टी पर जाने के लिए कह दिया गया है।" हॉस्पिटल ने कहा कि वह परिवार के संपर्क में है और उन्हें पूर्ण सहयोग करने के लिए तैयार है।

पूरा मामला 
30 नवंबर को दोपहर मैक्स हॉस्पिटल मे वर्षा को जुड़वा बच्चे (एक लड़का और एक लड़की) पैदा हुए थे। उसमें से एक बच्चे को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। पूरा परिवार इस बात को सुनते ही सदमे में आ गया। इतने में ही डॉक्टरों की टीम ने दूसरे बच्चे को भी मृत घोषित कर दिया। बस फिर क्या था पूरे परिवार की खुशियां एक ही पल में गम में बदल गईं। जिसके बाद डॉक्टरों ने दोनों बच्चों के शव परिवार वालों को दे दिए। परिवार वाले कार में सवार होकर घर के लिए निकल गए जैसे ही कार मधुबन चौक तक पहुंची तो अचानक लड़के की सांसें चलने लगी और उसने पैर हिलाने शुरू कर दिए। जिसके बाद परिवार वालों ने तुरंत बच्चे को नजदीक के अस्पताल में भर्ती कराया। डॉक्टरों ने बच्चे की हालत स्थिर बताई जबकि दूसरे बच्चे को मृत ही बताया। 


 

Created On :   3 Dec 2017 4:24 AM GMT

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