मप्र : ई-टेंडरिंग घोटाले में पूर्व मंत्री मिश्रा के बचाव में आईं उमा

MP: Uma came to the rescue of former minister Mishra in e-tendering scam
मप्र : ई-टेंडरिंग घोटाले में पूर्व मंत्री मिश्रा के बचाव में आईं उमा
मप्र : ई-टेंडरिंग घोटाले में पूर्व मंत्री मिश्रा के बचाव में आईं उमा
हाईलाइट
  • इस मामले की आंच मिश्रा पर आने की आशंकाओं के बीच उमा ने कमलनाथ सरकार पर मिश्रा की छवि खराब करने का आरोप लगाया है
  • मध्य प्रदेश में ई-टेंडरिंग घोटाले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के निजी सचिव रहे दो लोगों की गिरफ्तारी और एक अन्य से आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा की गई पूछताछ के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती मिश्रा के बचाव में उतर आई हैं
भोपाल, 4 अगस्त (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश में ई-टेंडरिंग घोटाले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा के निजी सचिव रहे दो लोगों की गिरफ्तारी और एक अन्य से आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा की गई पूछताछ के बाद पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती मिश्रा के बचाव में उतर आई हैं। इस मामले की आंच मिश्रा पर आने की आशंकाओं के बीच उमा ने कमलनाथ सरकार पर मिश्रा की छवि खराब करने का आरोप लगाया है।

उमा भारती ने रविवार को पूर्व मंत्री मिश्रा के बचाव में एक के बाद एक चार ट्वीट किए। उन्होंने कहा, पिछले कुछ दिनों से समाचार पत्रों में नरोत्तम मिश्रा के साथ रहे लोगों पर आíथक अपराध के आधार पर कार्रवाई की खबर आ रही है। मैं नरोत्तम मिश्रा को 1985 से जानती हूं। वह मेरे सशक्त सहयोगी रहे हैं एवं मध्य प्रदेश भाजपा के सशक्त आधार हैं। अचानक उनकी छवि को खराब करने का सरकार का कुत्सित प्रयास निदनीय है।

उमा ने एक अन्य ट्वीट में कहा, मध्य प्रदेश में कमलनाथ की सरकार बने हुए सात महीने हो चुके हैं। अचानक इस प्रकार की कार्रवाई यह इंगित करती है कि नरोत्तम मिश्रा का मनोबल गिराने का प्रयास है। मिश्रा भाजपा के एक समर्थ कार्यकर्ता एवं मजबूत इरादों के व्यक्ति हैं। उनका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है। मैं एवं भाजपा पूरी तरह से उनके साथ हैं।

ज्ञात हो कि राज्य में कई हजार करोड़ रुपये के ई-टेंडरिंग घोटाले की ईओडब्ल्यू जांच कर रही है। जल संसाधन विभाग के टेंडरों में हुई छेड़छाड़ और गड़बड़ी के मामले में निर्मल अवस्थी और वीरेंद्र पांडे को गिरफ्तार किया जा चुका है। दोनों पूर्व मंत्री मिश्रा के करीबी हैं। इसके बाद एक अन्य व्यक्ति से भी ईओडब्ल्यू पूछताछ कर चुकी है। आशंका जताई जा रही है कि इसके बाद मिश्रा पर भी आंच आ सकती है।

पूर्ववर्ती शिवराज सिंह चौहान की सरकार के काल में ई-टेंडरिंग में लगभग 3000 करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटाले की आंशका है और कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपने वचन-पत्र में ई-टेंडरिंग घोटाले की जांच कराने और दोषियों को सजा दिलाने का वादा किया था। इस मामले की जांच ईओडब्ल्यू के पास थी। ईओडब्ल्यू ने कंप्यूटर इमरजेंसी रेस्पॉस टीम(सीईआरटी) की मदद ली।

सीईआरटी ने अपनी रपट में यह बात मानी है कि ई-टेंडरिंग में छेड़छाड़ हुई थी। सीईआरटी की जांच में जिन नौ टेंडरों में गड़बड़ी की पुष्टि हुई है, वे लगभग 900 करोड़ के हैं।

इसी रपट के आधार पर ईओडब्ल्यू ने पांच विभागों, सात कंपनियों और अज्ञात अधिकारियों व राजनेताओं के खिलाफ जून में मामला दर्ज किया था।

ई-टेंडरिंग घोटाले में साक्ष्य और तकनीकी जांच में सामने आया था कि ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल में छेड़छाड़ कर जल निगम के तीन, लोक निर्माण विभाग के दो, जल संसाधन विभाग के दो, मप्र सड़क विकास निगम के एक और लोक निर्माण की पीआईयू के एक टेंडर, यानी कुल मिलाकर नौ टेंडर में सॉफ्टवेयर के जरिए छेड़छाड़ की गई थी। इसके जरिए नौ कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया। जिन नौ टेंडरों में गड़बड़ी की पुष्टि सीईआरटी की जांच में हुई है, वे लगभग 900 करोड़ रुपये के हैं।

उल्लेखनीय है कि ई-टेंडरिंग की प्रक्रिया के दौरान ही एक अधिकारी ने खुलासा किया था कि ई-प्रोक्योरमेंट पोर्टल में छेड़छाड़ कर उन कंपनियों को लाभ पहुंचाया गया, जिन्होंने टेंडर डाले थे।

--आईएएनएस

Created On :   4 Aug 2019 11:00 PM IST

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story