आरएसएस को समझने के लिए राहुल गांधी को कई बार जन्म लेना होगा गिरिराज सिंह

आरएसएस को समझने के लिए राहुल गांधी को कई बार जन्म लेना होगा  गिरिराज सिंह
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जाने पर सियासत गर्मा गई है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि आरएसएस को समझने के लिए लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को कई बार जन्म लेना होगा।

पटना, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जाने पर सियासत गर्मा गई है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा कि आरएसएस को समझने के लिए लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को कई बार जन्म लेना होगा।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने पत्रकारों से बात करते हुए कांग्रेस नेताओं पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की अब स्थिति खराब हो गई है। 'जाकी रही भावना जैसी, प्रभु मूरत देखी तीन तैसी।' आरएसएस को समझने के लिए लोकसभा नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी को अभी कई बार जन्म लेना होगा।

उन्होंने कहा कि आरएसएस एक ऐसा संगठन है, जो जब-जब भारत में कहीं आपदा हो जाए, तब-तब आगे आता है। 1971 में जब भारत-पाकिस्तान से लड़ाई हो रही थी, तो आरएसएस ने सिविल पुलिस का काम किया था। जब-जब बाढ़ आती है, आरएसएस के लोग ही आगे आते हैं। कहीं कांग्रेस का नामोनिशान नहीं है।

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का शताब्दी समारोह बुधवार को मनाया गया, जिसमें प्रधानमंत्री मोदी ने भी हिस्सा लिया। यह कार्यक्रम दिल्ली के डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र में हुआ।

आरएसएस की स्थापना वर्ष 1925 में नागपुर में डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी। संगठन की शुरुआत एक स्वयंसेवी संस्था के रूप में हुई थी, जिसका उद्देश्य लोगों में सांस्कृतिक चेतना, अनुशासन और सामाजिक जिम्मेदारी विकसित करना था। पिछले 100 वर्षों में आरएसएस देश के सबसे प्रभावशाली सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों में से एक बन गया है।

आरएसएस को भारत के राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के लिए जनता से जुड़ा एक अनोखा आंदोलन माना जाता है। इसका उदय विदेशी शासन के लंबे दौर के बाद हुआ और इसकी बढ़ती लोकप्रियता का कारण भारत की राष्ट्रीय गौरव भावना से गहरा जुड़ाव है।

पिछली शताब्दी में, आरएसएस और उससे जुड़े संगठनों ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक कल्याण और आपदा राहत जैसे क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। बाढ़, भूकंप और चक्रवात जैसी प्राकृतिक आपदाओं के समय स्वयंसेवकों ने राहत और बचाव कार्यों में अग्रिम पंक्ति में रहकर सेवा दी है।

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Created On :   1 Oct 2025 10:02 PM IST

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