आरएसएस शताब्दी समारोह में पीएम मोदी का संबोधन एक स्वयंसेवक के विचारों की अभिव्यक्ति दिनेश शर्मा

नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के शताब्दी समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा ने प्रेरणादायक बताया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी का संबोधन केवल एक नेता का भाषण नहीं, बल्कि एक समर्पित संघ स्वयंसेवक का अपने परिश्रम और विचारों का भावपूर्ण उद्गार था। प्रधानमंत्री का संबोधन न केवल संघ के शताब्दी समारोह का उत्सव था, बल्कि यह देश को एकजुट और आत्मनिर्भर बनाने का आह्वान भी था।
दिनेश शर्मा ने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की प्रमुख बातों पर प्रकाश डालते हुए कहा, “प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि संघ की शाखाएं यज्ञ की वेदियों के समान हैं, जो समाज को एकता और समरसता का संदेश देती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कुआं, मंदिर और श्मशान में कोई भेद नहीं होना चाहिए। यह विचार जातिवाद, क्षेत्रवाद और भाषाई पूर्वाग्रहों को नकारता है। संघ और इसके स्वयंसेवक इन भेदभावों के खिलाफ निरंतर संघर्ष कर रहे हैं।”
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी की संयमित और मर्यादित कार्यशैली की सराहना करते हुए कहा, “चाहे कितनी भी आलोचना, व्यक्तिगत हमले या गाली-गलौज हो, प्रधानमंत्री अपनी मर्यादा और धैर्य बनाए रखते हैं। यह उनकी सबसे बड़ी विशेषता है।”
दिनेश शर्मा ने आपातकाल और सिख दंगों का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय भी कठिन परिस्थितियों में उन्होंने धैर्य और सहजता का परिचय दिया था और समाज की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहे। वर्तमान में भी कुछ लोग अभद्र आचरण करते हैं, लेकिन प्रधानमंत्री का संयम प्रेरणादायक है।
उन्होंने आगे कहा कि संघ हमेशा जाति और धर्म से ऊपर उठकर राष्ट्रहित में कार्य करता है। चाहे भूकंप हो या देश पर आक्रमण, संघ हर परिस्थिति में ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ भारत और इसके नागरिकों के साथ खड़ा रहा है। वहीं, पीएम मोदी का दृष्टिकोण समाज को जातीय, क्षेत्रीय और भाषाई संकीर्णताओं से मुक्त कर एकजुटता की दिशा में ले जाता है।
उन्होंने आत्मनिर्भरता को भविष्य की आर्थिक नीतियों का मूल बताते हुए कहा कि यह केवल विकल्प नहीं, बल्कि अनिवार्यता है।
सांसद शर्मा ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए 2008 के मुंबई हमले का जिक्र किया। उन्होंने कहा, “उस समय कांग्रेस सरकार थी, और तत्कालीन गृह मंत्री ने हमले का जवाब देने की इच्छा जताई थी, लेकिन पार्टी नेतृत्व के दबाव में कोई कार्रवाई नहीं हुई। यह भारत की कमजोर छवि को दर्शाता है। इसके विपरीत मोदी सरकार की सर्जिकल स्ट्राइक जैसी निर्णायक कार्रवाइयों ने पाकिस्तान को सबक सिखाने का काम किया है।"
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Created On :   1 Oct 2025 10:40 PM IST