सिर्फ थकान नहीं, अचानक आई कमजोरी है गंभीर संकेत! आयुर्वेद से जानें वजह

सिर्फ थकान नहीं, अचानक आई कमजोरी है गंभीर संकेत! आयुर्वेद से जानें वजह
अचानक शरीर में कमजोरी आना कोई मामूली बात नहीं है। कई बार ऐसा होता है कि हम बिल्कुल ठीक महसूस कर रहे होते हैं, लेकिन अचानक से उठने-बैठने में थकान लगने लगती है, शरीर भारी-सा लगने लगता है और काम करने का मन नहीं करता।

नई दिल्ली, 3 अक्टूबर (आईएएनएस)। अचानक शरीर में कमजोरी आना कोई मामूली बात नहीं है। कई बार ऐसा होता है कि हम बिल्कुल ठीक महसूस कर रहे होते हैं, लेकिन अचानक से उठने-बैठने में थकान लगने लगती है, शरीर भारी-सा लगने लगता है और काम करने का मन नहीं करता।

आयुर्वेद कहता है कि यह शरीर का संकेत है कि कहीं न कहीं संतुलन बिगड़ गया है। इसका मुख्य कारण पाचन अग्नि की मंदता हो सकती है। जब पेट की अग्नि कमजोर पड़ती है, तो भोजन से पूरा पोषण नहीं मिलता और शरीर तुरंत थकान महसूस करने लगता है।

दूसरी बड़ी वजह है मल का अपूर्ण निष्कासन यानी शरीर में टॉक्सिन्स का जमाव। जब पेट साफ नहीं होता, तो आम दोष बनता है जो शरीर की ऊर्जा को रोक देता है। धातु क्षय, खासकर रक्त की कमी या मांसपेशियों की कमजोरी भी अचानक आई थकान का कारण बन सकती है।

इसके अलावा, तनाव, चिंता, और नींद की कमी भी शरीर से ताकत सोख लेते हैं। वृद्धावस्था में वात दोष का प्रकोप भी ऊर्जा में कमी लाता है।

आयुर्वेद इसके कई प्राकृतिक समाधान बताता है। अश्वगंधा को सबसे बड़ा बलवर्धक माना गया है, इसे दूध के साथ लेने से शरीर की ताकत और उत्साह बढ़ता है। महिलाओं के लिए शतावरी बहुत फायदेमंद है। यह मानसिक और शारीरिक संतुलन दोनों बनाती है। रात को हल्दी और देसी गाय के घी वाला दूध पीने से नींद सुधरती है और मांसपेशियों को ताकत मिलती है।

सिर्फ दवाओं से ही नहीं, बल्कि योग और प्राणायाम से भी अचानक कमजोरी पर काबू पाया जा सकता है। सूर्य नमस्कार शरीर में ऊर्जा भरता है और पाचन सुधारता है। पवनमुक्तासन गैस और वात को शांत करता है। भ्रामरी और अनुलोम-विलोम प्राणायाम मानसिक शांति और संतुलन लाते हैं। वहीं, आयुर्वेदिक पेयों में सौंठ-गुड़ का काढ़ा, सुबह खाली पेट शहद-नींबू पानी और गिलोय का रस ऊर्जा बढ़ाने के लिए बहुत असरदार हैं।

लेकिन, कुछ बातों से बचना भी जरूरी है। ठंडा पानी, बासी खाना और बार-बार चाय-कॉफी पीना शरीर की ताकत घटाते हैं। दिन में सोना और रात को देर तक जागना भी ऊर्जा को कम करता है। सबसे अहम बात यह है कि थकान को नजरअंदाज कभी न करें, क्योंकि यह आने वाले बड़े रोग का पहला संकेत हो सकता है।

आयुर्वेद कहता है कि सही आहार, संतुलित जीवनशैली और औषधियों का संयमित प्रयोग करने से जीवन में ऊर्जा फिर से लौट सकती है।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   3 Oct 2025 5:49 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story