आरएसएस देशभक्ति को बढ़ावा देने के लिए काम करता है शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी

आरएसएस देशभक्ति को बढ़ावा देने के लिए काम करता है शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने संगठन की प्रशंसा की।

बरेली, 5 अक्टूबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने पर ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने संगठन की प्रशंसा की।

आईएएनएस से बातचीत में मौलाना ने कहा कि आरएसएस की स्थापना को सौ साल पूरे हो गए हैं और यह शताब्दी पूरे भारत में मनाई जा रही है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक कार्यक्रम में हिस्सा लिया और आरएसएस की तारीफ की। मैं व्यक्तिगत रूप से आरएसएस को एक सामाजिक संगठन मानता हूं, जो देशभक्ति को बढ़ावा देता है। सामाजिक और राष्ट्रीय कार्यों में संलग्न होना हर भारतीय की जिम्मेदारी है। प्रत्येक भारतीय को समाज की सेवा करनी चाहिए, लोगों की मदद करनी चाहिए और उस भूमि से प्रेम करना चाहिए जहां वे रहते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि मुस्लिम भी अपनी धरती से मोहब्बत करते हैं। हम आरएसएस को अपना दुश्मन नहीं मानते। वे भी हमें दुश्मन न समझें। आरएसएस को हमारे साथ मिलकर काम करना चाहिए, ताकि भाईचारे को बढ़ावा मिले।

केरल सरकार द्वारा ‘कोल्ड्रिफ’ कफ सिरप पर प्रतिबंध के मुद्दे पर मौलाना शहाबुद्दीन ने कहा कि दवा कंपनियां बच्चों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रही हैं। भारत सरकार को इस पर तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। खासकर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के बच्चों पर इनके अभियानों का बुरा प्रभाव पड़ रहा है। बच्चों की सेहत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। सरकार की जिम्मेदारी है कि वह स्वास्थ्य मानकों का कड़ाई से पालन कराए। बाजार में ऐसे सिरप उपलब्ध हैं, जो सेहत को गंभीर नुकसान पहुंचाते हैं। इनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाना चाहिए।

त्योहारों को मिलने वाली आर्थिक मदद का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि भारत में सभी धार्मिक त्योहार अपनी तहजीब को दर्शाते हैं। चाहे हिंदू हों या मुसलमान, हर किसी को एक-दूसरे के त्योहारों का सम्मान करना चाहिए। भारत में अनेक त्योहार मनाए जाते हैं और सरकार इन्हें समर्थन देती है, लेकिन मुस्लिम त्योहारों को आर्थिक सहायता नहीं मिलती। यह भेदभाव खत्म होना चाहिए। सभी धर्मों के त्योहारों को समान दृष्टिकोण से देखा जाना चाहिए, ताकि समाज में एकता बनी रहे।

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Created On :   5 Oct 2025 2:10 PM IST

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