'यूपी में अपराध दर में कमी', पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने की एनसीआरबी डेटा की तारीफ

यूपी में अपराध दर में कमी, पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने की एनसीआरबी डेटा की तारीफ
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में अपराध दर में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। इस पर पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि यह उपलब्धि स्मार्ट और सक्रिय पुलिसिंग, अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति और प्रभावी अभियोजन प्रक्रिया का परिणाम है। एनसीआरबी के आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि उत्तर प्रदेश ने कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने में अभूतपूर्व प्रगति की है।

लखनऊ, 6 अक्टूबर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में अपराध दर में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है। इस पर पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह ने कहा कि यह उपलब्धि स्मार्ट और सक्रिय पुलिसिंग, अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति और प्रभावी अभियोजन प्रक्रिया का परिणाम है। एनसीआरबी के आंकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि उत्तर प्रदेश ने कानून व्यवस्था को नियंत्रित करने में अभूतपूर्व प्रगति की है।

विक्रम सिंह ने बताया कि 25 करोड़ की विशाल जनसंख्या वाले उत्तर प्रदेश में प्रति लाख जनसंख्या पर अपराध दर राष्ट्रीय औसत से 25 प्रतिशत कम है। यह आंकड़ा अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है।

उन्होंने कहा कि हत्या जैसे गंभीर अपराधों में भी यूपी का औसत 1.4 प्रति लाख है, जबकि राष्ट्रीय औसत 2.1 है। इसके अलावा, जबरन वसूली, फिरौती के लिए अपहरण और अन्य संगठित अपराधों में भी उल्लेखनीय कमी देखी गई है। यह बदलाव योगी आदित्यनाथ सरकार की अपराध के प्रति कठोर नीति और पुलिस सुधारों का परिणाम है।

पूर्व डीजीपी ने जोर देकर कहा कि गैंगस्टर एक्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) के तहत माफिया और आपराधिक गिरोहों के खिलाफ कार्रवाई ऐतिहासिक रही है। जब शीर्ष नेतृत्व को माफिया या अंडरवर्ल्ड से कोई लाभ नहीं मिलता, तो यह स्पष्ट संदेश जाता है कि अपराधियों को खत्म करना ही एकमात्र रास्ता है। इस नीति ने संगठित अपराध को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

विक्रम सिंह ने अभियोजन प्रक्रिया में सुधार पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पहले अभियोजन पुलिसिंग का एक कमजोर क्षेत्र था, लेकिन अब इसे एक नए स्तर पर ले जाया गया है। पुलिस और अभियोजन के बीच बेहतर समन्वय ने दोषसिद्धि दर को बढ़ाने में मदद की है। इसके साथ ही, तकनीक आधारित पुलिसिंग और अपराध विश्लेषण ने भी अपराध नियंत्रण में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। एनसीआरबी के आंकड़ों के विश्लेषण से पता चलता है कि उत्तर प्रदेश में न केवल अपराध दर में कमी आई है, बल्कि पुलिस की सक्रियता और जनता के बीच विश्वास भी बढ़ा है।

विक्रम सिंह ने कहा कि यह उपलब्धि केवल आंकड़ों तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में सुरक्षा और विश्वास की भावना को मजबूत करने का प्रतीक है।

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Created On :   6 Oct 2025 10:13 PM IST

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