रायबरेली कांग्रेस का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल पीड़ित परिवार से मिला

रायबरेली  कांग्रेस का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल पीड़ित परिवार से मिला
उत्‍तर प्रदेश के रायबरेली में हुए दलित युवक हत्या के मामले को लेकर राजनीतिक सरगर्मी लगातार बढ़ती जा रही है। कांग्रेस हाईकमान के निर्देश पर पार्टी का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को फतेहपुर पहुंचा और मृतक युवक के परिजनों से मुलाकात की।

रायबरेली, 7 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्‍तर प्रदेश के रायबरेली में हुए दलित युवक हत्या के मामले को लेकर राजनीतिक सरगर्मी लगातार बढ़ती जा रही है। कांग्रेस हाईकमान के निर्देश पर पार्टी का एक उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को फतेहपुर पहुंचा और मृतक युवक के परिजनों से मुलाकात की।

इस प्रतिनिधिमंडल में पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम, सांसद तनुज पुनिया और तेलंगाना के कैबिनेट मंत्री विवेक वेंकटस्वामी शामिल रहे।

कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने शोक संतप्त परिवार से मुलाकात कर संवेदना व्यक्त की और हर संभव सहायता दिलाने का आश्वासन दिया।

पार्टी ने मांग की कि पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपए का मुआवजा दिया जाए और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी प्रदान की जाए। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि इस मामले की पूरी रिपोर्ट तैयार कर राहुल गांधी को सौंपी जाएगी, जिसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी।

कांग्रेस नेताओं ने सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश में दलितों पर अत्याचार लगातार बढ़ रहे हैं और राज्य सरकार के संरक्षण में ऐसी घटनाएं हो रही हैं।

उन्होंने कहा, “यूपी आज दलित उत्पीड़न के मामलों में पहले स्थान पर पहुंच गया है। राज्य में कानून का नहीं, बल्कि जंगलराज का शासन चल रहा है। सरकार दलितों को न्याय देने में पूरी तरह नाकाम साबित हुई है।”

पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम ने बताया कि राहुल गांधी ने घटना की जानकारी मिलते ही गहरी चिंता व्यक्त की। गौतम ने कहा, “राहुल गांधी इस समय देश से बाहर हैं, लेकिन जब उन्हें घटना की सूचना मिली तो उन्होंने तुरंत फोन कर कहा कि इस तरह की घटनाएं अस्वीकार्य हैं। किसी को भी कानून और संविधान से ऊपर नहीं माना जा सकता। उन्होंने मुझे निर्देश दिया कि पूरी कमेटी के साथ वहां जाकर परिवार की हर संभव मदद की जाए।”

कांग्रेस नेताओं ने साफ किया कि जब तक पीड़ित परिवार को न्याय नहीं मिल जाता, पार्टी आंदोलन जारी रखेगी। यह सिर्फ एक परिवार की लड़ाई नहीं है, बल्कि देश के संविधान, दलित अस्मिता और सामाजिक न्याय की लड़ाई है।

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Created On :   7 Oct 2025 9:16 PM IST

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