सुप्रीम कोर्ट ने अजय मिश्रा टेनी पर दर्ज एफआईआर की जांच डीएसपी से कराने का निर्देश दिया

सुप्रीम कोर्ट ने अजय मिश्रा टेनी पर दर्ज एफआईआर की जांच डीएसपी से कराने का निर्देश दिया
बेटे आशीष मिश्रा से जुड़े लखीमपुर खीरी मामले में पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की मुसीबत बढ़ सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने अजय मिश्रा टेनी पर गवाहों को प्रभावित करने के आरोप में दर्ज एफआईआर की जांच डिप्टी एसपी रैंक के अधिकारी से कराने का निर्देश दिया।

नई दिल्ली, 9 अक्टूबर (आईएएनएस)। बेटे आशीष मिश्रा से जुड़े लखीमपुर खीरी मामले में पूर्व केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी की मुसीबत बढ़ सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने अजय मिश्रा टेनी पर गवाहों को प्रभावित करने के आरोप में दर्ज एफआईआर की जांच डिप्टी एसपी रैंक के अधिकारी से कराने का निर्देश दिया।

सुप्रीम कोर्ट को गुरुवार को सूचित किया गया कि एक व्यक्ति ने पुष्टि की है कि उसे गवाही देने के खिलाफ धमकी दी गई थी और वह कानूनी कार्रवाई करना चाहता है। उत्तर प्रदेश सरकार के वकील ने कोर्ट में कहा कि एक गवाह पर दबाव डालने की बात सामने आने के बाद प्राथमिकी दर्ज की गई है।

इसके बाद जस्टिस सूर्यकांत ने कहा, "क्योंकि प्रारंभिक जांच डीएसपी की ओर से की गई थी, इसलिए उसी अधिकारी या समकक्ष पद के अधिकारी को इस प्राथमिकी की जांच करनी चाहिए।"

इससे पहले, पीड़ित पक्ष ने कोर्ट में शिकायत की थी कि आशीष मिश्रा जमानत की शर्तों का उल्लंघन करते हुए गवाहों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। इस पर पुलिस ने आशीष मिश्रा और उनके पिता अजय मिश्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची की बेंच मामले में सुनवाई कर रही है। बेंच ने इस मामले में सुनवाई करते हुए आशीष मिश्रा को 20 अक्टूबर से 22 अक्टूबर तक लखीमपुर खीरी में रहने की इजाजत दी। हालांकि कोर्ट ने आशीष को 22 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी से लौटने का आदेश भी दिया।

गुरुवार को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में पीड़ित किसानों की ओर से उनके वकील प्रशांत भूषण ने निचली अदालत में चल रही सुनवाई प्रतिदिन कराने की मांग की।

दरअसल, साल 2021 में लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन के बीच किसानों को कार से टक्कर मारी गई थी। इस पूरे घटनाक्रम में 8 लोगों की जान गई थी। मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा का बेटा आशीष मिश्रा मुख्य आरोपी है।

साल 2021 में कृषि आंदोलन के दौरान यह घटना हुई थी। कार की टक्कर से चार किसानों की मौत के बाद हालात बेकाबू हो गए थे ग्रामीणों ने हिंसक प्रदर्शन किया था। कुल मिलाकर इस घटना में 8 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा था।

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Created On :   9 Oct 2025 12:54 PM IST

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