बिहार चुनाव मटिहानी गुप्त वंश में आर्थिक और प्रशासनिक केंद्र, बूथ कैप्चरिंग का भी जुड़ा काला इतिहास

बिहार चुनाव  मटिहानी गुप्त वंश में आर्थिक और प्रशासनिक केंद्र, बूथ कैप्चरिंग का भी जुड़ा काला इतिहास
बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। एक-एक सीट को लेकर सत्तापक्ष और विपक्षी महागठबंधन के बीच लड़ाई है। मटिहानी विधानसभा सीट के लिए भी राजनीतिक दलों के बीच सियासी दांवपेच तेज हो गया है। मटिहानी बेगूसराय के सात विधानसभा क्षेत्रों, चेरिया बरियारपुर, बछवाड़ा, तेघरा, मटिहानी, साहबपुर कमाल, बेगूसराय और बखरी (एससी), में से एक है।

बेगूसराय, 12 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए सभी राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। एक-एक सीट को लेकर सत्तापक्ष और विपक्षी महागठबंधन के बीच लड़ाई है। मटिहानी विधानसभा सीट के लिए भी राजनीतिक दलों के बीच सियासी दांवपेच तेज हो गया है। मटिहानी बेगूसराय के सात विधानसभा क्षेत्रों, चेरिया बरियारपुर, बछवाड़ा, तेघरा, मटिहानी, साहबपुर कमाल, बेगूसराय और बखरी (एससी), में से एक है।

मटिहानी विधानसभा में आजादी के बाद पहली बार 1957 के पहले आम चुनाव में बूथ कैप्चरिंग की घटना हुई थी, जो लोकतंत्र के लिए कलंक बन गया। इस क्षेत्र का अपना ऐतिहासिक महत्व भी है। उत्तर बिहार के मिथिला क्षेत्र में स्थित यह क्षेत्र गुप्त वंश के काल में आर्थिक और प्रशासनिक केंद्र था। पाल वंश और मुगल काल में भी इसके अवशेष मिलते हैं। समय के साथ इसका महत्व कम हुआ, और बेगूसराय जिला मुख्यालय आर्थिक हब बन गया।

आज मटिहानी में सीमित वाणिज्यिक गतिविधियां हैं, लेकिन गंगा नदी से निकटता इसे कृषि प्रधान बनाती है। चावल, गेहूं और सब्जियां मुख्य फसलें हैं, हालांकि बाढ़ और सिंचाई की कमी चुनौतियां बनी हुई हैं। 2022 में स्वीकृत नए नदी पुल परियोजना के पूरा होने से अर्थव्यवस्था में उछाल की उम्मीद है।

भौगोलिक स्थिति के लिहाज से मटिहानी रेल (मुजफ्फरपुर-दरभंगा लाइन) और सड़क (एनएच-28) से जुड़ा है। बेगूसराय 35 किमी, रोसड़ा 13 किमी, बरौनी औद्योगिक नगर 12 किमी, मोकामा 25 किमी, समस्तीपुर 34 किमी, दरभंगा (प्रमंडलीय मुख्यालय) 107 किमी उत्तर में और पटना 107 किमी पश्चिम में है।

राजनीतिक रूप से मटिहानी विधानसभा की स्थापना 1977 में हुई। 2008 के परिसीमन के बाद यह मटिहानी और शंभो-अखाकुरहा विकास खंडों, बेगूसराय प्रखंड की 19 ग्राम पंचायतों, बरौनी औद्योगिक नगर और बरौनी प्रखंड के चार ब्लॉकों को समाहित करती है।

शुरुआती दौर में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) का दबदबा रहा, जिसने सात में से पांच चुनाव जीते। कांग्रेस ने दो बार सफलता पाई। फिर नरेंद्र कुमार सिंह ने लगातार चार बार (दो बार निर्दलीय और दो बार जनता दल (यूनाइटेड) के टिकट पर) जीत हासिल की।

2020 के चुनाव में लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) के राजकुमार सिंह ने जेडीयू के नरेंद्र कुमार सिंह को मात्र 333 वोटों से हराया। राजकुमार को 61,364 वोट मिले। दिलचस्प यह है कि राजकुमार सिंह अब जेडीयू में शामिल हो चुके हैं। उस चुनाव में वामपंथी मोर्चा (सीपीआई-एम) को आरजेडी-कांग्रेस का समर्थन था, जो एलजेपी से सिर्फ 765 वोट पीछे रही। शीर्ष तीन दलों के बीच कांटे की टक्कर थी, लेकिन एनडीए को मामूली बढ़त मिली।

मटिहानी की कुल जनसंख्या 5,96,290 है, जिसमें 3,14,749 पुरुष और 2,81,541 महिलाएं शामिल हैं। चुनाव आयोग की ताजा मतदाता सूची के अनुसार विधानसभा क्षेत्र में कुल 3,64,329 वोटर्स हैं, जिनमें 1,92,000 पुरुष, 1,72,327 महिलाएं और 2 थर्ड जेंडर शामिल हैं।

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Created On :   12 Oct 2025 11:24 PM IST

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