छात्रों संग बेंच पर बैठे शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, 'विकसित भारत बिल्डाथॉन' शुरूॉ

छात्रों संग बेंच पर बैठे शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, विकसित भारत बिल्डाथॉन शुरूॉ
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सोमवार को कुछ समय के लिए एक ‘छात्र’ बन गए। ऐसा तब हुआ, जब सोमवार को उन्होंने दिल्ली छावनी स्थित केंद्रीय विद्यालय संख्या-2 का दौरा किया। यह दौरा स्कूल में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान हुआ, जिसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बच्चों के साथ बैठकर शिक्षा की बारीकियों को नजदीक से अनुभव किया।

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर (आईएएनएस)। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान सोमवार को कुछ समय के लिए एक ‘छात्र’ बन गए। ऐसा तब हुआ, जब सोमवार को उन्होंने दिल्ली छावनी स्थित केंद्रीय विद्यालय संख्या-2 का दौरा किया। यह दौरा स्कूल में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान हुआ, जिसमें केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बच्चों के साथ बैठकर शिक्षा की बारीकियों को नजदीक से अनुभव किया।

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को 'विकसित भारत बिल्डाथॉन 2025' का शुभारंभ भी किया। इस बिल्डाथॉन में देश भर के 25 लाख से अधिक छात्र शामिल हैं।

शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान कक्षा 1 के छात्रों के साथ बेंच पर बैठ गए और उनके साथ मिलकर कक्षा में पढ़ाया जा रहा अंकों का पाठ देखा-समझा। उन्होंने बच्चों से संवाद किया, उनकी जिज्ञासाओं को सुना और शिक्षकों से विद्यालय में शिक्षण पद्धति के बारे में जानकारी ली।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने यहां बच्चों की सादगी, सीखने की उत्सुकता और खेल-खेल में शिक्षा प्राप्त करने की विधि को जाना। उन्होंने शिक्षकों की प्रशंसा करते हुए कहा कि केंद्रीय विद्यालय देशभर में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का प्रतीक हैं और नई पीढ़ी को संस्कारों के साथ आधुनिक ज्ञान प्रदान कर रहे हैं। इस अवसर पर प्रधान ने ‘नवाचार आधारित शिक्षण’ और ‘आनंदमय शिक्षा’ को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी बल दिया।

केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा आयोजित 'विकसित भारत बिल्डाथॉन 2025' देश का सबसे बड़ा स्कूल इनोवेशन हैकथॉन है, जो छात्रों में नवाचार, रचनात्मकता और आत्मनिर्भर सोच को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से आयोजित किया जा रहा है। इसमें करीब 3 लाख स्कूल के 25 लाख से अधिक छात्र शामिल हुए हैं। यह पहल अटल इनोवेशन मिशन और नीति आयोग के सहयोग से शुरू की गई है। इसका मकसद कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को एक ऐसा मंच देना है, जहां वे देश के विकास से जुड़ी चुनौतियों का समाधान अपने नवीन विचारों और तकनीकी कौशल के माध्यम से प्रस्तुत कर सकें।

शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि यह भव्य आयोजन विद्यार्थियों की आत्मनिर्भर भारत, वोकल फॉर लोकल, स्वदेशी और समृद्ध भारत जैसे अभियानों से जोड़ते हुए राष्ट्र निर्माण में भूमिका को सशक्त करेगा। इस पहल के माध्यम से छात्रों को देश के सामाजिक और तकनीकी चुनौतियों के लिए स्थानीय और व्यवहारिक समाधान प्रस्तुत करने का अवसर मिलेगा। इससे न केवल नवाचार की संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि भारत के विकसित राष्ट्र बनने के विजन, ‘विकसित भारत 2047’ को भी गति मिलेगी।

वर्तमान में 1,288 केंद्रीय विद्यालय हैं, जिनमें से 3 विद्यालय विदेशों में मॉस्को, काठमांडू और तेहरान में स्थित हैं। अब देश के इन केंद्रीय विद्यालयों की संख्या में इजाफा होने जा रहा है। इसी माह केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देशभर में सिविल सेक्टर के तहत 57 नए केंद्रीय विद्यालय खोलने को मंजूरी दी है। इस परियोजना पर 5,862 करोड़ रुपए से अधिक खर्च होंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने यह स्वीकृति दी है। इन विद्यालयों को मुख्य रूप से केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों के बच्चों की शैक्षिक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्वीकृत किया गया है।

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   13 Oct 2025 5:34 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story