सीट बंटवारे से जदयू सांसद अजय मंडल नाराज, सीएम नीतीश को पत्र लिखकर इस्तीफा देने की अनुमति मांगी

सीट बंटवारे से जदयू सांसद अजय मंडल नाराज, सीएम नीतीश को पत्र लिखकर इस्तीफा देने की अनुमति मांगी
एनडीए के प्रमुख घटक दल जदयू में सीट बंटवारे और उम्मीदवारों के चयन को लेकर आपसी विवाद बढ़ता जा रहा है। भागलपुर के सांसद और जदयू के नेता अजय मंडल की इस बात को लेकर नाराजगी इतनी बढ़ी है कि उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर इस्तीफा तक की अनुमति मांगी है।

पटना, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। एनडीए के प्रमुख घटक दल जदयू में सीट बंटवारे और उम्मीदवारों के चयन को लेकर आपसी विवाद बढ़ता जा रहा है। भागलपुर के सांसद और जदयू के नेता अजय मंडल की इस बात को लेकर नाराजगी इतनी बढ़ी है कि उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखकर इस्तीफा तक की अनुमति मांगी है।

सांसद ने मुख्यमंत्री और जदयू को मंगलवार को लिखे एक पत्र में कहा है, "पिछले लगभग 20-25 वर्षों से भागलपुर क्षेत्र में विधायक एवं सांसद के रूप में जनता की सेवा करता आ रहा हूं। इस लंबे राजनीतिक जीवन में मैंने जनता दल (यू) को अपने परिवार की तरह समझते हुए इसके संगठन, कार्यकर्ताओं और जनसंपर्क को सुदृढ़ करने का काम किया है। भागलपुर एवं नवगछिया में जिला अध्यक्ष, प्रभारी और कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर हमेशा पार्टी की मजबूती के लिए कार्य करता रहा हूं। परंतु विगत कुछ माह से संगठन में ऐसे निर्णय लिए जा रहे हैं जो पार्टी और उसके भविष्य के लिए शुभ संकेत नहीं हैं।"

उन्होंने शिकायत करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण की प्रक्रिया में स्थानीय सांसद होने के बावजूद मुझसे कोई सलाह या चर्चा नहीं की जा रही है। जिन व्यक्तियों ने कभी पार्टी संगठन के लिए कार्य नहीं किया, उन्हें टिकट देने की बात सामने आ रही है, जबकि जिला अध्यक्ष एवं स्थानीय नेतृत्व की राय को पूरी तरह अनदेखा किया जा रहा है।

सांसद ने वर्ष 2019 की चर्चा करते हुए कहा कि उस समय पूरे बिहार में विधानसभा उपचुनाव जदयू जितनी भी सीटों पर लड़ा था, तब पूरे बिहार में केवल मेरे नेतृत्व में इसी सीट पर जीत हुई थी। यह पार्टी के प्रति मेरी निष्ठा और जनता के विश्वास का प्रतीक है। आज जब पार्टी के कुछ लोग मेरे ही लोकसभा क्षेत्र में टिकट बांटने का काम कर रहे हैं और संगठन की अनदेखी कर रहे हैं, तब यह स्थिति अत्यंत दुखद है।

उन्होंने आगे लिखा, "आपसे मिलने का भी समय नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में मेरे लिए यह समझना कठिन हो रहा है कि जब संगठन में समर्पित कार्यकर्ताओं और स्थानीय नेतृत्व की राय का कोई महत्व नहीं रह गया है, तो मेरे लिए अपने आत्मसम्मान और पार्टी के भविष्य की चिंता करते हुए सांसद पद पर बने रहने का क्या औचित्य है।" जदयू सांसद ने पत्र के अंत में लिखा है, "आत्मसम्मान और संगठन के प्रति सच्ची निष्ठा के साथ मैं आपसे विनम्र अनुरोध करता हूं कि मुझे अपने सांसद पद से त्यागपत्र देने की अनुमति प्रदान करें।"

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Created On :   14 Oct 2025 2:31 PM IST

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