महिलाओं की सुरक्षा क्यों सुनिश्चित नहीं कर पा रही ममता सरकार कविता पाटीदार

महिलाओं की सुरक्षा क्यों सुनिश्चित नहीं कर पा रही ममता सरकार कविता पाटीदार
भाजपा की राज्यसभा सदस्य कविता पाटीदार ने पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एक मेडिकल छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर निशाना साधा। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चुप्पी और टीएमसी नेताओं की असंवेदनशील टिप्पणियों की कड़ी आलोचना की है।

भुवनेश्वर, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। भाजपा की राज्यसभा सदस्य कविता पाटीदार ने पश्चिम बंगाल के दुर्गापुर में एक मेडिकल छात्रा से सामूहिक दुष्कर्म मामले को लेकर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर निशाना साधा। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की चुप्पी और टीएमसी नेताओं की असंवेदनशील टिप्पणियों की कड़ी आलोचना की है।

भाजपा प्रवक्ता कविता पाटीदार ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, "यह बेहद चौंकाने वाला है कि टीएमसी के नेता इतने गंभीर अपराध पर गैर जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं। उनके एक सांसद ने तो यहां तक कह दिया कि 'बलात्कार हर जगह होता है' और सौगत रॉय ने कहा कि 'पुलिस हर जगह तैनात नहीं हो सकती, महिलाएं रात में बाहर न निकलें।' यह बेहद असंवेदनशील है। ममता बनर्जी को स्पष्ट करना चाहिए कि उनकी सरकार राज्य में महिलाओं की सुरक्षा क्यों सुनिश्चित नहीं कर पा रही।"

उन्होंने ममता के बयान पर तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री रात 12:30 बजे छात्रा के बाहर होने पर सवाल उठा रही हैं, जो पीड़िता को ही दोषी ठहराने जैसा है। उन्होंने कहा, "यह विक्टिम-ब्लेमिंग है, जो महिलाओं के प्रति टीएमसी की रूढ़िवादी सोच को उजागर करता है।"

पाटीदार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा, "जहां पीएम मोदी नारी शक्ति वंदन अधिनियम और कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बना रहे हैं, वहीं टीएमसी सरकार का रवैया निराशाजनक और निंदनीय है। ममता बनर्जी की चुप्पी और पार्टी के बयान महिलाओं की सुरक्षा व न्याय के प्रति उनकी असंवेदनशीलता दिखाते हैं।"

उन्होंने दिल्ली कोर्ट द्वारा लालू प्रसाद यादव, तेजस्वी यादव और राबड़ी देवी के खिलाफ आईआरसीटीसी होटल घोटाले में लगाए गए आरोपों पर अपनी प्रतिक्रिया दी।

पाटीदार ने कहा कि कानून अपना काम करेगा और अदालत के सामने सभी समान हैं। उन्होंने इसे न्याय की प्रक्रिया का हिस्सा बताते हुए विपक्षी नेताओं की जवाबदेही पर जोर दिया। उन्होंने साफ किया, "कानून सबके लिए बराबर है। अदालत फैसला करेगी, लेकिन यह विपक्ष की विश्वसनीयता पर सवाल उठाता है।"

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Created On :   14 Oct 2025 3:06 PM IST

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