छतरपुर में पानी के संकट पर फूटा लोगों का गुस्सा, जल बोर्ड के खिलाफ मटका फोड़ प्रदर्शन

छतरपुर में पानी के संकट पर फूटा लोगों का गुस्सा, जल बोर्ड के खिलाफ मटका फोड़ प्रदर्शन
त्योहारों के मौसम में भी दिल्ली के लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझ रहे हैं। राजधानी में भाजपा सरकार होने के बावजूद छतरपुर सहित कई इलाकों में पीने के पानी की भारी किल्लत बनी हुई है। इसी मुद्दे को लेकर मंगलवार को छतरपुर क्षेत्र में स्थानीय निवासियों का गुस्सा फूट पड़ा।

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। त्योहारों के मौसम में भी दिल्ली के लोग बुनियादी सुविधाओं के लिए जूझ रहे हैं। राजधानी में भाजपा सरकार होने के बावजूद छतरपुर सहित कई इलाकों में पीने के पानी की भारी किल्लत बनी हुई है। इसी मुद्दे को लेकर मंगलवार को छतरपुर क्षेत्र में स्थानीय निवासियों का गुस्सा फूट पड़ा।

आम आदमी पार्टी की पार्षद पिंकी त्यागी के नेतृत्व में सैकड़ों लोगों ने दिल्ली जल बोर्ड के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने खाली मटकों और पोस्टरों के साथ नारेबाजी करते हुए सरकार से साफ पेयजल की मांग की। लोगों का कहना था कि त्योहारों में घरों में सजावट के बजाय अब पानी के बर्तनों की लाइनें लगी हुई हैं। कई परिवार ऐसे हैं जिन्हें पानी के लिए मशक्कत करनी पड़ रही है।

आप के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि छतरपुर, महरौली, देवली और कालकाजी के अलावा पूर्वी और उत्तर-पूर्वी दिल्ली के इलाके भी पानी के लिए तरस रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि दक्षिण दिल्ली में पानी के सरकारी टैंकरों की सप्लाई में अव्यवस्था और भ्रष्टाचार चरम पर है। जहां पानी पहुंच रहा है, वहां भी लोग सीवरमिश्रित दूषित पानी की शिकायत कर रहे हैं।

उन्होंने तंज कसते हुए कहा, “दिल्ली में चार इंजन की सरकार है, लेकिन हालत यह है कि वसंत कुंज जैसे पॉश इलाके के तीन बड़े शॉपिंग मॉल पानी के अभाव में बंद होने की कगार पर हैं। क्या यह देश की राजधानी की स्थिति है?”

पार्षद पिंकी त्यागी ने बताया कि छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में हालात इतने खराब हो गए हैं कि लोग बाल्टी लेकर सड़कों पर इधर-उधर भटकते हैं। किसी घर में पानी आने की खबर लगते ही लोग लाइन में लग जाते हैं। पहले किसी तरह प्राइवेट टैंकर मिल जाते थे, लेकिन अब वे भी उपलब्ध नहीं हैं। सरकारी टैंकरों की शिकायत करने पर भी कोई सुनवाई नहीं होती।

उन्होंने कहा कि सितंबर-अक्टूबर में इससे पहले कभी इतनी भयंकर स्थिति नहीं देखी गई। सामान्यतः अप्रैल से जुलाई तक पानी की कमी रहती थी, लेकिन इस बार अक्टूबर में भी पानी की किल्लत चरम पर है। पिंकी त्यागी ने चेतावनी दी कि जब तक जल बोर्ड के वरिष्ठ अधिकारियों या चुने हुए प्रतिनिधियों से लिखित आश्वासन नहीं मिलता कि हर घर में नल के जरिए पानी पहुंचेगा, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

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Created On :   14 Oct 2025 8:10 PM IST

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