मेनोपॉज के दौरान भी रहना है फिट और हैप्पी, तो अपनाएं आयुर्वेदिक जीवनशैली

मेनोपॉज के दौरान भी रहना है फिट और हैप्पी, तो अपनाएं आयुर्वेदिक जीवनशैली
महिलाओं के जीवन में मेनोपॉज एक प्राकृतिक और अनिवार्य चरण है, जो आमतौर पर 45 से 55 वर्ष की आयु के बीच आता है। यह वह समय होता है, जब महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं और मासिक धर्म बंद हो जाता है।

नई दिल्ली, 14 अक्टूबर (आईएएनएस)। महिलाओं के जीवन में मेनोपॉज एक प्राकृतिक और अनिवार्य चरण है, जो आमतौर पर 45 से 55 वर्ष की आयु के बीच आता है। यह वह समय होता है, जब महिलाओं के शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं और मासिक धर्म बंद हो जाता है।

इस समय शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार के बदलाव अनुभव किए जाते हैं। आम तौर पर महिलाएं इस अवधि में हॉट फ्लैशेस, मूड स्विंग्स, नींद की समस्या, जोड़ों में दर्द, थकान और कई अन्य लक्षण महसूस कर सकती हैं।

मेनोपॉज केवल शारीरिक बदलाव ही नहीं लाता, बल्कि महिलाओं के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डालता है। अचानक मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन, चिंता और तनाव आम अनुभव हैं। नींद ना आना या रात में बार-बार जागना भी महिलाओं की दिनचर्या को प्रभावित करता है। इसके साथ ही जोड़ों में अकड़न, कमजोरी, स्मृति और ऊर्जा में कमी जैसी समस्याएं भी आम हैं।

आयुर्वेद के अनुसार, शरीर, मन और आत्मा के संतुलन को बनाए रखना इस समय बेहद आवश्यक है। शतावरी जैसे हर्ब्स हार्मोनल संतुलन बनाए रखने, शारीरिक कमजोरी कम करने और मानसिक शांति देने में सहायक होते हैं।

इसके अलावा, आयुर्वेदिक दृष्टिकोण में दैनिक जीवनचर्या, सदाचारपूर्ण जीवन, संतुलित आहार और योग व प्राणायाम का महत्व भी बताया गया है।

योग और प्राणायाम न केवल तनाव और चिंता को कम करते हैं, बल्कि शरीर में ऊर्जा बनाए रखने, हड्डियों और जोड़ों को मजबूत रखने और नींद में सुधार लाने में मदद करते हैं।

आयुर्वेद में यह माना जाता है कि इस प्राकृतिक जीवन चरण को स्वीकार कर सही देखभाल करने से महिलाएं न केवल स्वस्थ रहती हैं, बल्कि जीवन के इस नए अध्याय का आनंद भी उठा सकती हैं।

मेनोपॉज महिलाओं के जीवन का एक संवेदनशील, लेकिन सशक्त और सकारात्मक चरण है। सही ज्ञान, आयुर्वेदिक उपचार, योग, ध्यान और संतुलित जीवनशैली के माध्यम से महिलाएं इस परिवर्तन को सहजता से झेल सकती हैं। यह समय केवल शरीर की देखभाल का नहीं, बल्कि मानसिक और आत्मिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने का भी अवसर है।

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Created On :   14 Oct 2025 10:22 PM IST

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