बाहरी नेताओं पर निर्भर है भाजपा, योगी पहले यूपी संभालें, फिर बिहार आएं आनंद दुबे

मुंबई,16 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव में जहां भाजपा ने पूरी ताकत झोंक दी है, वहीं विपक्षी दलों ने सत्तारूढ़ गठबंधन पर कड़ा प्रहार किया है। शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि भाजपा के पास भले ही योगी आदित्यनाथ जैसे प्रभावशाली नेता हों, लेकिन इंडिया गठबंधन में भी उद्धव ठाकरे, अखिलेश यादव और ममता बनर्जी जैसे मजबूत चेहरे हैं जो जनता के बीच जाएंगे।
दुबे ने आईएएनएस से विशेष बातचीत में कहा कि बिहार चुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, नामांकन और प्रचार दोनों चल रहे हैं। भाजपा बार-बार बाहरी नेताओं पर निर्भर रहती है, लेकिन बिहार की जनता 20 वर्षों की नाकामी का हिसाब मांगेगी। बिहार को बीमारू राज्य बना दिया गया है। योगी आदित्यनाथ को पहले उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था और बेरोजगारी की चिंता करनी चाहिए, फिर बिहार की।
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि नीतीश अब अचेतावस्था में हैं और सरकार किसी अदृश्य शक्ति के भरोसे चल रही है।
आनंद दुबे ने आगे कहा कि नीतीश कुमार पिछले दो दशकों से सत्ता में हैं, लेकिन बिहार की विकास स्थिति जस की तस है। न रोजगार आया, न पलायन रुका। तेजस्वी यादव ने बेरोजगारी, गरीबी और महंगाई जैसे असली मुद्दे उठाए हैं, जिससे विरोधी दल घबराए हुए हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि लालू प्रसाद यादव को झूठे मामलों में फंसाया गया, लेकिन वे आज भी जनता के बीच लोकप्रिय हैं। दुबे ने दावा किया कि भाजपा-जेडीयू गठबंधन 50 सीटों का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी, जबकि आरजेडी और कांग्रेस को मजबूत जनसमर्थन मिल रहा है।
आनंद दुबे ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान पर प्रतिक्रिया दी जिसमें उन्होंने कहा कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। उन्होंने कहा कि भारत को यह बताने की जरूरत नहीं कि वह किससे व्यापार करेगा। ट्रंप भारत सरकार के प्रवक्ता नहीं हैं।
उन्होंने कहा कि भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र है और उसे अपनी विदेश नीति स्वयं तय करने का अधिकार है। अमेरिका को भारत के आंतरिक या कूटनीतिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर सख्त रुख दिखाना चाहिए।
शिवसेना (यूबीटी) के प्रवक्ता ने महाराष्ट्र में वोटर लिस्ट रिवीजन को लेकर विपक्षी दलों की शिकायतों पर बोलते हुए कहा कि वोटर लिस्ट में गड़बड़ियां गंभीर मामला हैं। चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर सवाल उठ रहे हैं। उन्होंने बताया कि विपक्षी पार्टियां आयोग से सुधार की मांग लेकर डेलिगेशन के रूप में मुलाकात कर रही हैं। अगर चुनाव आयोग धांधली कराता है तो इसका नाम 'इलेक्शन कमीशन' नहीं बल्कि 'सिलेक्शन कमीशन' होना चाहिए।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर आयोग ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो शिवसेना (यूबीटी) अहिंसक आंदोलन करेगी और जनता की अनुमति के बिना चुनाव नहीं होने देगी।
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Created On :   16 Oct 2025 11:54 PM IST