डायमंड हार्बर में अभिषेक बनर्जी की जीत पर उठे सवाल, अमित मालवीय ने लगाया 'चुनावी लूट' का आरोप

कोलकाता, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। भाजपा आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद अभिषेक बनर्जी की डायमंड हार्बर सीट से रिकॉर्ड जीत पर गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह जीत जनता के समर्थन का नहीं, बल्कि 'संगठित चुनावी लूट' का नतीजा है।
मालवीय ने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट में कहा कि पूर्व प्रेसीडिंग ऑफिसर स्वपन मंडल के खुलासे ने यह साफ कर दिया है कि यह 'रिकॉर्ड जीत' दरअसल प्रणालीगत धांधली का परिणाम है। उन्होंने कहा कि यह मामला न सिर्फ चुनावी प्रक्रिया पर प्रश्नचिह्न लगाता है, बल्कि टीएमसी के लोकतंत्र के प्रति खुले अपमान को भी उजागर करता है।
स्वपन मंडल के अनुसार डायमंड हार्बर में चुनाव के दौरान सुनियोजित तरीके से विपक्षी दल के मतदाताओं को मतदान से वंचित किया गया। मंडल के बयान के मुताबिक, इन मतदाताओं को मतदान से रोका गया, कई लोगों को घरों में बंद रखा गया और जो बूथ तक पहुंचे, उन्हें जबरन बाहर निकाल दिया गया।
ईवीएम मशीनों में विपक्षी उम्मीदवारों के बटन पर काला टेप चिपकाया गया, जिससे वे दब ही नहीं पाते थे और केवल टीएमसी का बटन ही काम करता था। प्रॉक्सी वोटिंग और फर्जी मतदान भी बड़े पैमाने पर हुआ। मृत व्यक्तियों और बाहर काम करने गए प्रवासियों के नाम पर वोट डाले गए।
अमित मालवीय ने पूछा कि अगर सब कुछ पारदर्शी है तो मुख्यमंत्री ममता बनर्जी चुनाव आयोग की 'स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर)' प्रक्रिया का विरोध क्यों कर रही हैं?
मालवीय के मुताबिक, स्वपन मंडल ने खुलासा किया है कि डायमंड हार्बर जैसे क्षेत्रों में बड़ी संख्या में मृत, अनुपस्थित और संदिग्ध मतदाता सूची में शामिल हैं, जिससे टीएमसी का वोट प्रतिशत कृत्रिम रूप से बढ़ाया जा रहा है।
मालवीय ने कहा कि अगर एसआईआर के जरिए मतदाता सूची की पूरी तरह से सफाई हो गई, तो टीएमसी की फर्जी बढ़त का आधार ही खत्म हो जाएगा। उन्होंने दावा किया कि यही वजह है कि ममता बनर्जी इस प्रक्रिया का विरोध कर रही हैं, क्योंकि यह उनके 'लूटतंत्र' की जड़ें हिला देगा।
अमित मालवीय ने कहा कि डायमंड हार्बर कोई अलग मामला नहीं है, बल्कि टीएमसी के 2026 विधानसभा चुनाव की रणनीति का मॉडल है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र की बहाली के लिए इस 'लूट मॉडल' को खत्म करना जरूरी है।
मालवीय ने कहा, "अगर बंगाल में सच्चे अर्थों में लोकतंत्र को बचाना है, तो एक पारदर्शी और निष्पक्ष वोटर लिस्ट जांच (एसआईआर) सुनिश्चित करनी होगी, ताकि बंगाल के लोगों का असली जनादेश सामने आ सके।"
उन्होंने आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट के जरिए इसे बंगाल की जनता की लोकतांत्रिक प्रतिष्ठा को पुनर्स्थापित करने की लड़ाई बताया।
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Created On :   19 Oct 2025 1:54 PM IST