जैश-ए-मोहम्मद ने महिलाओं की भर्ती के लिए शुरू किया ऑनलाइन जिहादी कोर्स

जैश-ए-मोहम्मद ने महिलाओं की भर्ती के लिए शुरू किया ऑनलाइन जिहादी कोर्स
संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद अब महिलाओं की भर्ती के लिए एक नया अभियान चला रहा है। इस आतंकी संगठन ने हाल ही में अपनी महिला विंग ‘जमात-अल-मुमिनात’ की घोषणा के बाद अब महिलाओं के लिए एक ऑनलाइन प्रशिक्षण कोर्स शुरू किया है।

नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)। संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित और पाकिस्तान प्रायोजित आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद अब महिलाओं की भर्ती के लिए एक नया अभियान चला रहा है। इस आतंकी संगठन ने हाल ही में अपनी महिला विंग ‘जमात-अल-मुमिनात’ की घोषणा के बाद अब महिलाओं के लिए एक ऑनलाइन प्रशिक्षण कोर्स शुरू किया है।

जैश-ए-मोहम्मद द्वारा शुरू किए गए इस ऑनलाइन प्रशिक्षण का नाम है ‘तुफत-अल-मुमिनात’ है। आतंकवादी मसूद अजहर की बहनें इस ऑनलाइन प्रशिक्षण की लाइव क्लास लेंगी। पाकिस्तान के कट्टर सामाजिक ढांचे में जहां महिलाओं का अकेले बाहर निकलना मुश्किल माना जाता है, वहीं जैश-ए-मोहम्मद ने इसका फायदा उठाकर ऑनलाइन माध्यम से महिलाओं की भर्ती शुरू की है।

संगठन का लक्ष्य अपनी महिला ब्रिगेड को आईएसआईएस, हमास और एलटीटीई जैसे आतंक संगठनों के ढांचे की तर्ज पर तैयार करना है। सुरक्षा एजेंसियों को आशंका है कि भविष्य में इन महिलाओं का उपयोग आत्मघाती या फिदायीन हमलों में किया जा सकता है। जैश-ए-मोहम्मद ऑनलाइन प्रशिक्षण व ऑनलाइन कोर्स से नई भर्ती और फंड इकट्ठा करने की साजिश कर रहा है।

इस कोर्स के जरिए जैश न केवल महिलाओं को कट्टरपंथी विचारधारा से जोड़ने की कोशिश कर रहा है, बल्कि उनसे चंदा भी वसूल रहा है। हर महिला प्रतिभागी से 500 पाकिस्तानी रुपये ‘दान’ के रूप में लिए जा रहे हैं। यह आतंकी संगठन महिलाओं से एक ऑनलाइन सूचना फॉर्म भी भरवा रहा है ताकि उन्हें जैश के नेटवर्क में शामिल किया जा सके।

खुफिया रिपोर्टों के अनुसार यह ऑनलाइन कोर्स 8 नवम्बर से शुरू होगा, जिसमें रोजाना 40 मिनट की लाइव ऑनलाइन क्लास आयोजित की जाएगी। इन क्लासों को मसूद अजहर की दो बहनें सादिया अजहर और समायरा अजहर संचालित करेंगी।

जानकारी के मुताबिक इन सत्रों में महिलाओं को ‘जिहाद’, ‘धर्म’ और ‘इस्लाम के दृष्टिकोण से कर्तव्यों’ के बारे में बताया जाएगा, ताकि उन्हें ‘जमात-उल-मुमिनात’ नामक महिला ब्रिगेड से जोड़ा जा सके। दरअसल यह जैश की नई रणनीति है जिसका मकसद महिलाओं के जरिए आतंक नेटवर्क का विस्तार करना है। यह कदम फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स के प्रति पाकिस्तान की प्रतिबद्धताओं की पोल खोलता है।

एक ओर पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आतंक के वित्तपोषण को रोकने का दावा करता है, वहीं दूसरी तरफ जैश जैसे संगठन और मरकज अब ऑनलाइन क्लासों के नाम पर खुलेआम चंदा जुटा रहे हैं। नवगठित जमात-अल-मुमिनात की कमान मसूद अजहर की बहन सादिया अजहर को दी गई है।

सादिया के पति यूसुफ अजहर की मौत भारतीय सेना द्वारा लांच किए गए ऑपरेशन सिंदूर में हुई थी। इस महिला ब्रिगेड की शूरा में मसूद अजहर की एक और बहन साफिया और उमर फारूक की पत्नी अफरीरा फारूक को शामिल किया गया है। उमर फारूक वही आतंकी था जिसने पुलवामा हमले को अंजाम दिया था और बाद में सुरक्षाबलों के हाथों मारा गया।

हालिया घटनाक्रम के अनुसार 8 अक्टूबर को मसूद अजहर ने ‘जमात-अल-मुमिनात’ के गठन की घोषणा की।19 अक्टूबर को पीओके के रावलकोट में ‘दुख़्तरान-ए-इस्लाम’ नाम से कार्यक्रम आयोजित कर महिलाओं को संगठन से जुड़ने का आह्वान किया गया।

इससे पहले 27 सितंबर को मसूद अजहर ने बहावलपुर के मरकज उस्मान ओ अली में फंड एकत्र करने की अपील की थी। रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद की यह नई चाल पाकिस्तान के आतंकी नेटवर्क के डिजिटल विस्तार की स्पष्ट झलक दिखाती है, जिसमें अब महिलाओं को भी आतंक की मुख्यधारा में लाने की कोशिश की जा रही है।

--आईएएनएस

जीसीबी/एएस

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Created On :   22 Oct 2025 1:59 PM IST

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