भाई को अकाल मृत्यु से बचाने के लिए इस मंदिर में बहनें करती हैं यमराज की पूजा

भाई को अकाल मृत्यु से बचाने के लिए इस मंदिर में बहनें करती हैं यमराज की पूजा
भाई-बहन के रिश्ते को बहुत पवित्र माना जाता है और उसी को समर्पित देशभर में रक्षाबंधन और भाई-दूज का त्योहार मनाया जाता है।

नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (आईएएनएस)। भाई-बहन के रिश्ते को बहुत पवित्र माना जाता है और उसी को समर्पित देशभर में रक्षाबंधन और भाई-दूज का त्योहार मनाया जाता है।

इस दिन बहन अपने भाई की दीर्घ आयु की कामना करती है, लेकिन उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक ऐसा मंदिर है, जहां खासतौर पर भाई-दूज के दिन भाई और बहन दोनों ही दर्शन और स्नान के लिए आते हैं। इस मंदिर की मान्यता इतनी है कि श्रद्धालु अलग-अलग राज्यों से आते हैं और मां यमुना का आशीर्वाद लेते हैं।

उत्तर प्रदेश के मथुरा में मां यमुना और यमराज का यमुना धर्मराज मंदिर है, जिसे भाई-बहन के रिश्ते का प्रतीक माना जाता है। मान्यता है कि जो भी भाई-बहन इस मंदिर में दर्शन करने के लिए आते हैं, उन पर अकाल मृत्यु का साया नहीं पड़ता है और भाई की आयु लंबी होती है। यह देश का पहला मंदिर है, जहां यमराज की पूजा होती है और भक्त यमराज के साथ मां यमुना की पूजा करते हैं। मंदिर में मौजूद मां यमुना और यमराज की प्रतिमा भी अनोखी है, जिसमें मां यमुना का हाथ हवा में है।

माना जाता है कि मां यमुना उस हाथ से अपने भाई यमराज का तिलक करती हैं। प्राचीन मंदिर को लेकर कई पौराणिक कथाएं प्रचलित हैं। माना जाता है कि भाई-दूज के दिन भी यमराज खुद चलकर बहन यमुना से मिलने आए थे। ऐसे में मां यमुना ने अपने भाई का खूब सत्कार किया और 56 भोग परोस दिए। बहन के द्वारा किए सत्कार से प्रसन्न होकर उन्होंने भेंट के बदले वरदान मांगने को कहा। तब मां यमुना ने वरदान मांगा कि जो भी भाई-बहन भाई दूज के दिन यमुना में स्नान करेंगे और मंदिर में दर्शन करेंगे, वे कभी भी नर्कलोक नहीं जाएंगे और उनकी अकाल मृत्यु भी नहीं होगी।

अब बहन की मांगी याचना को यमराज ने माना और इसी दिन से भाई-दूज के मौके पर विश्राम घाट पर दूर-दूर से लोग यमुना जी में स्नान करने आते हैं। भाई-दूज के दिन मंदिर में भारी भीड़ लगती है और भाई और बहन दोनों ही मंदिर में साथ में दर्शन करने के लिए आते हैं। मंदिर को लेकर ये भी माना जाता है कि इसी घाट पर श्री कृष्ण आराम कर रहे थे और उनसे मिलने के लिए यमराज पहुंच गए थे। ऐसे में श्री कृष्णा ने यमराज को घाट किनारे पूजे जाने का वरदान दिया था।

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Created On :   22 Oct 2025 2:19 PM IST

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