कीर्ति आजाद का भाजपा पर निशाना, जब वादों से नहीं बनती बात तो लेते हैं धर्म की आड़

कीर्ति आजाद का भाजपा पर निशाना, जब वादों से नहीं बनती बात तो लेते हैं धर्म की आड़
बिहार विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद ने एनडीए के घोषणा पत्र को घिसा-पिटा करार दिया है। उन्होंने कहा कि एनडीए हर चुनाव में सिर्फ बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन वह बताए कि पूर्व में किए वादों का क्या हुआ? उन्होंने कहा कि बिहार की जनता एनडीए के संकल्प पत्र पर भरोसा नहीं करेगी।

दरभंगा, 1 नवंबर (आईएएनएस)। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले टीएमसी सांसद कीर्ति आजाद ने एनडीए के घोषणा पत्र को घिसा-पिटा करार दिया है। उन्होंने कहा कि एनडीए हर चुनाव में सिर्फ बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन वह बताए कि पूर्व में किए वादों का क्या हुआ? उन्होंने कहा कि बिहार की जनता एनडीए के संकल्प पत्र पर भरोसा नहीं करेगी।

टीएमसी सांसद ने कहा कि यह सिर्फ झूठे दावे करते हैं, हर चुनाव में सिर्फ नए-नए वादे करते हैं और जब लगता है कि इससे काम नहीं चल रहा तो धर्म को बीच में लेकर आते हैं।

आईएएनएस से बातचीत में उन्होंने कहा कि एनडीए का घोषणापत्र घिसा-पिटा है। उनके कई वादे आज तक पूरे नहीं हुए। इसलिए बिहार के लोग इस बात को लेकर भी संशय में हैं कि जो वादे वो कर रहे हैं, वो पूरे भी होंगे या नहीं।

कीर्ति आजाद ने कहा कि जब भाजपा को लगता है कि उनका काम उनके दावों से नहीं चल रहा है तो वे धर्म की आड़ लेते हैं, लेकिन इस बार यह भी काम नहीं आने वाला है।

टीएमसी सांसद ने महागठबंधन सरकार के घोषणा पत्र को बेहतर बताया है। उन्होंने कहा कि जब जदयू की राजद के साथ बिहार में 17 महीने की सरकार थी, तो तेजस्वी यादव ने युवाओं को नौकरी देने का काम किया था। युवाओं को विश्वास है कि तेजस्वी यादव की सरकार बनती है तो रोजगार मिलेगा।

भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि यह लोग चुनाव प्रचार में बिहार को देने के लिए बड़े-बड़े दावे करते हैं, लेकिन उद्योग गुजरात में लगाते हैं। बिहार को बस ट्रेन की सेवा दी जाती है ताकि यहां से मजदूर पलायन कर गुजरात में काम करने के लिए जा सकें।

टीएमसी सांसद ने कहा कि बिहार की जनता आज भी एक लाख 25 हजार करोड़ के पैकेज के बारे में पूछ रही है। विकसित भारत का संकल्प 2047 तक लिया गया है, लेकिन पूर्व में जो वादे युवाओं और किसानों से किए गए, उनका क्या हुआ? ऐसे में बिहार की जनता एनडीए के संकल्प पत्र को भी जुमला ही कहेगी।

घुसपैठियों का जिक्र करते हुए उन्होंने गृह मंत्रालय और भाजपा नेताओं को निशाने पर लेते हुए कहा कि ये लोग घुसपैठियों की बात करते हैं और मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि 11 साल से केंद्र में उनकी सरकार है, तो उन्होंने कितने घुसपैठिए पकड़े। बिहार में भी लाखों घुसपैठियों की बात करने वाले ये लोग बताएं कि एसआईआर में तो सिर्फ तीन घुसपैठिए निकले। बाकी कहां गए?

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Created On :   1 Nov 2025 8:22 PM IST

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