'प्यार सिर्फ त्याग का नाम नहीं', सुम्बुल तौकीर के लिए इश्क की परिभाषा अलग

प्यार सिर्फ त्याग का नाम नहीं,  सुम्बुल तौकीर के लिए इश्क की परिभाषा अलग
टीवी की दुनिया में हर दिन नई कहानियां जन्म लेती हैं, लेकिन कुछ शो ऐसे होते हैं, जो केवल मनोरंजन ही नहीं, बल्कि सोचने पर मजबूर भी करते हैं। ऐसा ही एक शो है 'इत्ती सी खुशी', जो इन दिनों सोनी सब पर प्रसारित हो रहा है। इस शो में दर्शकों की चहेती अभिनेत्री सुम्बुल तौकीर खान मुख्य भूमिका में नजर आ रही हैं।

मुंबई, 6 नवंबर (आईएएनएस)। टीवी की दुनिया में हर दिन नई कहानियां जन्म लेती हैं, लेकिन कुछ शो ऐसे होते हैं, जो केवल मनोरंजन ही नहीं, बल्कि सोचने पर मजबूर भी करते हैं। ऐसा ही एक शो है 'इत्ती सी खुशी', जो इन दिनों सोनी सब पर प्रसारित हो रहा है। इस शो में दर्शकों की चहेती अभिनेत्री सुम्बुल तौकीर खान मुख्य भूमिका में नजर आ रही हैं।

'इमली' जैसी लोकप्रिय सीरियल से घर-घर में अपनी पहचान बना चुकी सुम्बुल इस बार एक ऐसे किरदार में हैं, जो परंपराओं और भावनाओं के बीच एक गहरी रेखा खींचता है।

कहानी सिर्फ प्यार और रिश्तों की मिठास तक सीमित नहीं रहती, बल्कि यह दिखाती है कि कभी-कभी 'ना' कहना भी प्यार का ही एक रूप होता है।

आईएएनएस को दिए इंटरव्यू में सुम्बुल ने अपने किरदार अन्विता और शो की थीम के बारे में बात की।

उन्होंने कहा, '''इत्ती सी खुशी' एक ऐसी कहानी है, जो दर्शकों को प्यार और रिश्तों को देखने का नया नजरिया देती है। आमतौर पर टीवी पर प्यार को त्याग और एकजुटता के रूप में दिखाया जाता है, लेकिन इस शो में यह दर्शाया गया है कि प्यार का मतलब सिर्फ किसी के लिए सब कुछ छोड़ देना नहीं है, बल्कि यह भी है कि आप यह समझें कि किसी रिश्ते में दोनों की भलाई किसमें है।''

सुम्बुल ने कहा, ''यह कहानी लोगों को यह सोचने पर मजबूर करेगी कि क्या त्याग ही सच्चा प्यार होता है या फिर सीमाएं तय करना और भविष्य के लिए सही फैसला लेना भी प्यार का हिस्सा है। प्यार केवल साथ निभाने का नाम नहीं है, बल्कि यह एक जिम्मेदारी भी है, जिसमें हमें यह समझना पड़ता है कि जो हम कर रहे हैं, वह सही है या नहीं।''

सुम्बुल का मानना है कि समाज में अक्सर लोगों को यह सिखाया जाता है कि प्यार का मतलब खुद को भूल जाना है, लेकिन यह शो यह सिखाता है कि कभी-कभी खुद का और दूसरों का ख्याल रखना भी एक गहरा प्रेम होता है।

अपने किरदार अन्विता के बारे में बात करते हुए सुम्बुल बताती हैं कि यह किरदार पारंपरिक भारतीय टेलीविजन की महिला छवि से बिल्कुल अलग है। जहां आमतौर पर महिलाओं को त्याग की मूर्ति या चुपचाप सब सहने वाली के रूप में दिखाया जाता है, वहीं अन्विता एक आधुनिक, सोचने वाली और दृढ़ महिला के रूप में सामने आती है। वह परिवार की भलाई के लिए कठिन फैसले लेती है, भले ही समाज उसे गलत ठहराए।

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Created On :   6 Nov 2025 9:38 PM IST

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