देश में बांग्लादेशी घुसपैठियों की बढ़ती संख्या के जिम्मेदार कांग्रेस, टीएमसी और राजद जैसी पार्टियां निशिकांत दुबे

देश में बांग्लादेशी घुसपैठियों की बढ़ती संख्या के जिम्मेदार कांग्रेस, टीएमसी और राजद जैसी पार्टियां  निशिकांत दुबे
बिहार चुनाव अपने अंतिम दौर में हैं। इसी बीच भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस, राजद (राष्ट्रीय जनता दल) और तमाम विपक्षी पार्टियों पर देश में घुसपैठियों को बसाने और बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि देश में बांग्लादेशी घुसपैठियों की बढ़ती संख्या की जिम्मेदार विपक्षी पार्टियां हैं।

भागलपुर, 9 नवंबर (आईएएनएस)। बिहार चुनाव अपने अंतिम दौर में हैं। इसी बीच भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस, राजद (राष्ट्रीय जनता दल) और तमाम विपक्षी पार्टियों पर देश में घुसपैठियों को बसाने और बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि देश में बांग्लादेशी घुसपैठियों की बढ़ती संख्या की जिम्मेदार विपक्षी पार्टियां हैं।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने बिहार के तीन जिलों में बांग्लादेशी घुसपैठियों का बोलबाला होने के दावे को दोहराते हुए कहा, "मैंने तीन जिले सिर्फ बिहार के बताए, जिनमें किशनगंज, अररिया और कटिहार की सीटें हैं। लेकिन मालदा, मुर्शिदाबाद और दिनाजपुर भी हैं। हमारे यहां पाकुड़, साहिबगंज और जामताड़ा भी हैं। यह पूरा का पूरा कॉरिडोर है, जो बांग्लादेशी घुसपैठियों से भर गया है। यह चिंतनीय विषय है।"

दुबे ने आदिवासियों की घटती जनसंख्या पर चिंता जताते हुए कहा, "हमारे यहां संथाल में 1951 में आदिवासी 45 प्रतिशत के करीब हुआ करते थे। आज 26-27 प्रतिशत हो गए हैं। जनगणना हो जाए तो वे 22-23 प्रतिशत हो जाएंगे। सभी दल अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की बात करेंगे, लेकिन आदिवासी घट रहे हैं। 19-20 प्रतिशत आदिवासी कहां गए?"

उन्होंने कहा, "आज के समय में मुसलमान 9 से बढ़कर 26 प्रतिशत हो गए। यह कौन मुसलमान है? जल-जंगल-जमीन के असली हकदार हमारे आदिवासी भाई हैं। हमारे भाइयों की जमीन के ऊपर बांग्लादेशी कब्जा करके बैठे हुए हैं। इस हालत के लिए कौन जिम्मेदार है—कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और वीआईपी जैसी पार्टियां।

भाजपा सांसद ने कहा, "सभी विपक्षी पार्टियां मिलकर वोट बैंक की राजनीति कर रहे हैं। ये सभी पार्टियां पाकिस्तान परस्त और बांग्लादेश परस्त राजनीति कर रहे हैं। ये सिर्फ मुस्लिम वोट लेने के लिए ऐसी राजनीति करते हैं। लेकिन बिहार चुनाव का परिणाम उन पर सबसे बड़ा प्रहार होगा, जिसके बाद सभी तुष्टिकरण की राजनीति भूल जाएंगे।"

चुनाव के दूसरे चरण के लिए रविवार को शाम छह बजे तक राजनीतिक पार्टियों का प्रचार-प्रसार थम जाएगा। दूसरे चरण में बिहार की 122 सीटों पर 11 नवंबर को मतदान होगा। इससे पहले 6 नवंबर को पहले चरण में 121 सीटों के लिए मतदान संपन्न हुआ था, जिसमें रिकॉर्ड करीब 65.08 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। बिहार चुनाव के नतीजे 14 नवंबर को आएंगे।

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Created On :   9 Nov 2025 12:49 PM IST

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