उद्धव ठाकरे ने बालासाहेब की विचारधारा के साथ किया विश्वासघात राम कदम

उद्धव ठाकरे ने बालासाहेब की विचारधारा के साथ किया विश्वासघात राम कदम
महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक राम कदम ने बिहार विधानसभा चुनाव पर बोलते हुए कहा कि चुनाव परिणाम से पहले ही यादव परिवार के एक सदस्य ने खुद मान लिया है कि वे उसी के साथ जाएंगे जिसे बहुमत मिलेगा। ये साफ इशारा है कि एनडीए की जीत तय है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के भीतर पहले ही हार का डर बैठ गया है और लोग अपनी सियासी जमीन बचाने में लगे हैं।

मुंबई, 9 नवंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक राम कदम ने बिहार विधानसभा चुनाव पर बोलते हुए कहा कि चुनाव परिणाम से पहले ही यादव परिवार के एक सदस्य ने खुद मान लिया है कि वे उसी के साथ जाएंगे जिसे बहुमत मिलेगा। ये साफ इशारा है कि एनडीए की जीत तय है। उन्होंने कहा कि विपक्ष के भीतर पहले ही हार का डर बैठ गया है और लोग अपनी सियासी जमीन बचाने में लगे हैं।

इसी बीच उद्धव ठाकरे पर हमला बोलते हुए राम कदम ने आईएएनएस से कहा कि उद्धव ठाकरे ऐसे मुख्यमंत्री थे, जिन्होंने अपने पिता बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा के साथ विश्वासघात किया। उन्होंने उन्हीं दुश्मनों को गले लगा लिया जिनके खिलाफ बालासाहेब ने पूरी जिंदगी संघर्ष किया था। उद्धव ठाकरे का इतिहास औरंगज़ेब जैसा है, जिसने अपने पिता शाहजहां को कैद कर खुद ताज हासिल किया था।

भाजपा विधायक ने तंज कसते हुए कहा कि उद्धव ठाकरे ने बालासाहेब के नाम का इस्तेमाल तो किया, लेकिन उनकी विचारधारा को पूरी तरह किनारे कर दिया।

राम कदम ने 'वंदे मातरम' विवाद पर भी उद्धव ठाकरे को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, "जो लोग 'वंदे मातरम' का विरोध करते हैं, उन्हीं के साथ बैठकर उद्धव ठाकरे बिरयानी खाते हैं। फिर हमें भाषण देते हैं कि हमें बोलने का हक नहीं? उनके मंचों पर पाकिस्तान के झंडे लहराए जाते हैं और फिर वे देशभक्ति की बात करते हैं। ये कितना बड़ा विरोधाभास है!"

राम कदम ने सवाल उठाया कि अगर उद्धव ठाकरे के साथी को 'वंदे मातरम' तक से परेशानी होती है, तो उन्हें देशभक्ति का प्रमाणपत्र देने का कोई हक नहीं है।

पुणे लैंड स्कैम मामले में भी राम कदम ने सफाई देते हुए कहा कि भाजपा सरकार किसी भी तरह की गड़बड़ी को छिपाने के पक्ष में नहीं है। अगर हमें कुछ छिपाना होता तो एफआईआर ही क्यों दर्ज करते? हमने तुरंत कार्रवाई की, वरिष्ठ आईएएस अधिकारी की अध्यक्षता में जांच समिति बनाई और तहसीलदार को निलंबित किया। जो दोषी था, उसके खिलाफ तुरंत कदम उठाए गए।

उन्होंने कटाक्ष किया कि ये उद्धव ठाकरे की 'खिचड़ी खाने वाली सरकार' नहीं है, जो घोटालों पर परदा डाल देती थी। हमारी सरकार पारदर्शिता में यकीन रखती है।

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Created On :   9 Nov 2025 1:11 PM IST

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