पनीर डोडी औषधीय जड़ी-बूटियों का पावरहाउस, जानिए कैसे करती है काम

पनीर डोडी  औषधीय जड़ी-बूटियों का पावरहाउस, जानिए कैसे करती है काम
पनीर डोडी, जिसे कुछ लोग पनीर फुल या पनीर डोडा बूटी भी कहते हैं, एक ऐसी औषधीय जड़ी-बूटी है जो कई तरह की बीमारियों में फायदेमंद मानी जाती है। खासतौर पर मधुमेह (डायबिटीज) के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।

नई दिल्ली, 11 नवंबर (आईएएनएस)। पनीर डोडी, जिसे कुछ लोग पनीर फुल या पनीर डोडा बूटी भी कहते हैं, एक ऐसी औषधीय जड़ी-बूटी है जो कई तरह की बीमारियों में फायदेमंद मानी जाती है। खासतौर पर मधुमेह (डायबिटीज) के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है।

इसे आयुर्वेद में शरीर को संतुलित रखने, पाचन सुधारने और खून को साफ करने वाली जड़ी-बूटी माना गया है।

सबसे पहले बात करें मधुमेह नियंत्रण की। पनीर डोडी में ऐसे तत्व होते हैं, जो ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं। यह शरीर में इंसुलिन की कार्यक्षमता बढ़ाता है, जिससे शुगर जल्दी नहीं बढ़ती। कई लोग इसे सुबह खाली पेट पानी में भिगोकर पीते हैं, जिससे ब्लड शुगर काफी हद तक कंट्रोल में रहती है।

यह पाचन के लिए फायदेमंद है। अगर आपको अक्सर कब्ज, गैस या पेट में भारीपन महसूस होता है, तो पनीर डोडी फायदेमंद हो सकती है। यह पाचन तंत्र को मजबूत बनाती है और खाना अच्छे से पचाने में मदद करती है।

यह कोलेस्ट्रॉल को भी कंट्रोल करने में मदद करती है। माना जाता है कि यह खराब कोलेस्ट्रॉल (एलडीएल) को घटाती है और अच्छे कोलेस्ट्रॉल (एचडीएल) को बढ़ाती है, जिससे दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होता है।

पनीर डोडी के एंटीऑक्सीडेंट गुण खून को साफ करने में भी मदद करते हैं। यह शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालती है, जिससे त्वचा साफ और चमकदार बनती है। यही कारण है कि यह मुंहासे या अन्य त्वचा संबंधी समस्याओं में भी फायदेमंद मानी जाती है।

महिलाओं के लिए भी यह जड़ी-बूटी उपयोगी है। यह मासिक धर्म की अनियमितता को ठीक करने में मदद कर सकती है और पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को भी कम करती है। इसके अलावा, इसमें हल्के शामक गुण होते हैं, जो तनाव कम करके नींद में सुधार लाते हैं।

लिवर की सेहत के लिए भी यह अच्छी मानी जाती है, क्योंकि इसमें हेपेटोप्रोटेक्टिव गुण होते हैं, जो लिवर को नुकसान से बचाते हैं।

हालांकि, इसके साथ कुछ सावधानियां जरूरी हैं। गर्भवती महिलाओं को इसका सेवन नहीं करना चाहिए। कभी-कभी यह नसों पर असर डाल सकती है, जिससे सिरदर्द या चक्कर जैसी समस्या हो सकती है। इसका इस्तेमाल डॉक्टर या आयुर्वेद विशेषज्ञ की सलाह से ही करना बेहतर होता है।

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Created On :   11 Nov 2025 3:35 PM IST

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