कोई भी पात्र जनजातीय परिवार सरकारी योजनाओं से वंचित नहीं रहेगा मुख्यमंत्री योगी
सोनभद्र, 15 नवंबर (आईएएनएस)। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोई भी पात्र जनजातीय परिवार सरकारी योजनाओं से वंचित नहीं रहेगा। उन्होंने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए की डबल इंजन सरकार विकास, सुरक्षा और सुशासन को साथ लेकर आगे बढ़ रही है और जनजातीय समाज को मुख्यधारा के विकास का अग्रणी भागीदार बनाने के लिए पूरी निष्ठा के साथ काम कर रही है।
‘धरती आबा’ बिरसा मुंडा जी की 150वीं जयंती के उपलक्ष्य में जनजातीय बाहुल्य जनपद सोनभद्र के चोपन में आयोजित ‘जनजातीय गौरव दिवस कार्यक्रम’ में मुख्यमंत्री ने कहा कि यह अवसर केवल स्मरण का नहीं, बल्कि जनजातीय गौरव को विकास से जोड़ने का है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘धरती आबा’ बिरसा मुंडा जी का संदेश ‘अबुआ देश, अबुआ राज’ आज के नए भारत में ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के रूप में प्रकट हो रहा है। डबल इंजन की सरकार जनजातीय समाज की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए उनके साथ कदम से कदम मिलाकर खड़ी है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भगवान बिरसा मुंडा के आदर्शों से प्रेरित होकर सोनभद्र और पूरे उत्तर प्रदेश का जनजातीय समाज राष्ट्र की एकता, सुरक्षा और समृद्धि के लिए अपनी सक्रिय भूमिका निभाता रहेगा और विकास की मुख्यधारा में अग्रणी भागीदार बनेगा।
‘धरती आबा’ बिरसा मुंडा जी को नमन करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से 150 वर्ष पहले 1875 में जन्मे धरती आबा ने मात्र 25 वर्ष की आयु में अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ जो संघर्ष छेड़ा, वह आज भी नए भारत के लिए मार्गदर्शक है। रांची जेल में यातनाओं के बीच उनका बलिदान व्यर्थ नहीं गया, ब्रिटिश हुकूमत को जनजातीय समुदाय के अधिकारों को स्वीकार करने के लिए झुकना पड़ा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज स्वतंत्र भारत में वही संघर्ष जनजातीय समाज के सम्मान, हिस्सेदारी और विकास के रूप में आगे बढ़ रहा है और डबल इंजन की सरकार इस विरासत को न्यायपूर्ण नीतियों और ठोस कार्यों में बदल रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यहां आयोजित ‘जनजातीय गौरव दिवस’ कार्यक्रम में भारी संख्या में उपस्थित जनजातीय बहनों-भाइयों की सहभागिता, बदलाव की आकांक्षा और विश्वास का प्रतीक है। कार्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के वंशजों को सम्मानित किया गया और वन अधिकार कानून के अंतर्गत जनजातीय परिवारों को जमीन के पट्टे सौंपे गए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सोनभद्र को 548 करोड़ रुपये की विभिन्न विकास परियोजनाओं की सौगात दी गई है, जो कनेक्टिविटी से लेकर बुनियादी सुविधाओं तक, जनपद के समग्र विकास की नई दिशा तय करेंगी। इस अवसर पर सोनभद्र के पर्यटन स्थलों पर आधारित पुस्तिका तथा मां विंध्यवासिनी विश्वविद्यालय, मिर्जापुर की कुलपति द्वारा लिखित ‘धरती आबा बिरसा मुंडा’ पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी किया गया।
उन्होंने विभिन्न योजनाओं के लाभार्थियों को प्रमाण-पत्र भी वितरित किए। इस अवसर पर ‘मिशन शक्ति’ के अंतर्गत महिला पुलिसकर्मियों के लिए 25 स्कूटी को हरी झंडी दिखाई। ‘जनजातीय गौरव दिवस’ के इस विशेष अवसर पर अरुणाचल प्रदेश के जनजातीय समूह द्वारा याक नृत्य, छत्तीसगढ़ के सरगुजा जनजातीय समूह तथा सोनभद्र के करमा नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियों के माध्यम से भारत की बहुरंगी जनजातीय संस्कृति को मंच पर जीवंत कर दिया।
सोनभद्र की विशेषता पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल ऊर्जा राजधानी नहीं, बल्कि मानव इतिहास और प्रकृति की अद्भुत धरोहर का भी केंद्र है। सलखन फॉसिल पार्क में 140 करोड़ वर्ष पुराने जीवाश्मों के अवशेष विश्व समुदाय के लिए अद्वितीय आकर्षण हैं और यूनेस्को द्वारा इसे विश्व धरोहर की सूची में शामिल किया जाना सोनभद्र की वैश्विक पहचान को मजबूत करता है। शिवद्वार पंचमुखी महादेव, ज्वालामुखी शक्तिपीठ, हाथी नाला और बायोडायवर्सिटी पार्क जैसे धार्मिक और प्राकृतिक स्थल यहां स्पिरिचुअल और इको-टूरिज्म की अपार संभावनाओं को उजागर करते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में पाई जाने वाली 15 जनजातियों में से 14 जनजातियां अकेले सोनभद्र में निवास करती हैं और यहां 4 लाख से अधिक जनजातीय बहन-भाइयों का जीवन मानव उद्गम और सभ्यता के इतिहास से जुड़ी एक जीवंत विरासत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बलरामपुर जनपद के इमलिया कोडर में जनजातीय संग्रहालय और छात्रावास की स्थापना की जा चुकी है तथा इसी प्रकार का ‘जनजातीय गौरव संग्रहालय’ इस कमिश्नरी क्षेत्र में भी स्थापित किया जाएगा, ताकि जनजातीय समाज की कला, लोकवाद्य, जीवनशैली और परंपराओं को संरक्षित कर अगली पीढ़ियों को प्रेरणा दी जा सके।
सोनभद्र में आयोजित प्रदर्शनी में जनजातीय समाज से जुड़े वाद्ययंत्रों, लोकसामग्री और सांस्कृतिक प्रतीकों का प्रदर्शन इसी दृष्टि का प्रमाण है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा प्रारंभ की गई ‘पीएम जन मन योजना’ के अंतर्गत ‘धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान’ उत्तर प्रदेश के जनजातीय बहुल 517 गांवों में बुनियादी सुविधाओं और समग्र विकास का नया अध्याय लिख रहा है।
प्रदेश में लगभग 11 लाख की जनजातीय आबादी सोनभद्र, चंदौली, मिर्जापुर, चित्रकूट, बलरामपुर, लखीमपुर खीरी, श्रावस्ती, बहराइच सहित विभिन्न जनपदों में निवास करती है और इन सभी क्षेत्रों में योजनाओं को संतृप्तिकरण के लक्ष्य के साथ लागू किया जा रहा है, ताकि कोई भी पात्र परिवार योजना से वंचित न रह जाए।
उन्होंने कहा कि वन अधिकार कानून में सुधार के बाद जहां पूर्ववर्ती सरकारें निर्णय लेने से बचती रहीं और जनजातीय समुदाय का शोषण होता रहा, वहीं वर्तमान सरकार ने स्पष्ट नीति अपनाते हुए वास्तविक दावेदारों को वन भूमि के पट्टे देने की दिशा में निर्णायक कदम उठाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के कार्यक्रम में 1,000 से अधिक जनजातीय परिवारों को वन अधिकार पट्टे सौंपे गए हैं और इससे पहले 23,000 से अधिक पट्टे स्वीकृत किए जा चुके हैं। इससे जनजातीय परिवारों को न केवल भूमि पर मालिकाना हक मिला है, बल्कि दशकों पुराना भय और उत्पीड़न का चक्र भी टूट रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन सरकार की प्राथमिकता है कि हर जनजातीय परिवार के पास जमीन का पट्टा, सुरक्षित आवास, राशन कार्ड, आयुष्मान भारत का कार्ड, घर में शौचालय और पात्रता के अनुसार वृद्धावस्था या निराश्रित महिला पेंशन जैसी सामाजिक सुरक्षा की सुविधाएं हों। जनपद में चार पंडित दीनदयाल उपाध्याय राजकीय आश्रम पद्धति विद्यालय संचालित हैं, जिनमें से तीन बालकों और एक बालिकाओं के लिए हैं।
उन्होंने कहा कि सोनभद्र के सभी विकासखंडों में कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालय संचालित हैं, जिन्हें कक्षा 6 से 8 तक के बजाय अब कक्षा 12 तक के लिए विस्तारित कर दिया गया है, ताकि बालिकाओं को एक ही परिसर में सुरक्षित आवासीय सुविधा और निरंतर शिक्षा का अवसर मिल सके। ‘अभ्युदय’ कोचिंग जैसी पहलें जनजातीय और वंचित तबके के प्रतिभाशाली युवाओं को नीट और आईआईटी-जेईई जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं में सफलता दिलाने में सहायक साबित हो रही हैं। यहां के जनजातीय युवाओं को प्रशिक्षित टूरिस्ट गाइड के रूप में तैयार किया जा रहा है।
परंपरागत जनजातीय वैद्य, औषधि और जड़ी-बूटी विशेषज्ञों को प्रोत्साहित कर स्थानीय उत्पादों के प्रचार-प्रसार और वन औषधियों के संग्रहण की स्वतंत्रता दी गई है, ताकि जनजातीय परिवारों की आय में वृद्धि हो और उनकी पारंपरिक ज्ञान-संपदा भी सुरक्षित रहे।
--आईएएनएस
विकेटी/एएस
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Created On :   15 Nov 2025 3:30 PM IST












