अरशद मदनी जैसे लोग सिर्फ मुसलमानों को भड़काना चाहते हैं प्रियंक कानूनगो

अरशद मदनी जैसे लोग सिर्फ मुसलमानों को भड़काना चाहते हैं प्रियंक कानूनगो
भारत में छात्रों के सुसाइड के मामले बढ़ने पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो का कहना है कि भारत सरकार ने साल 2021 में ही बच्चों की सुरक्षा से संबंधित एक गाइडलाइन राज्यों को दी थी। राज्य सरकारों ने कहा था कि वे इसका पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर पालन हो रहा होता तो इस तरह सुसाइड की खबरें सामने न आतीं। उन्होंने मौलाना अरशद मदनी के बयान पर पलटवार किया है।

नई दिल्ली, 23 नवंबर (आईएएनएस)। भारत में छात्रों के सुसाइड के मामले बढ़ने पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य प्रियंक कानूनगो का कहना है कि भारत सरकार ने साल 2021 में ही बच्चों की सुरक्षा से संबंधित एक गाइडलाइन राज्यों को दी थी। राज्य सरकारों ने कहा था कि वे इसका पालन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर पालन हो रहा होता तो इस तरह सुसाइड की खबरें सामने न आतीं। उन्होंने मौलाना अरशद मदनी के बयान पर पलटवार किया है।

प्रियंक कानूनगो ने कहा है कि केंद्र सरकार द्वारा जारी की गई गाइडलाइन का अगर राज्य सरकारें पालन कर रही होतीं तो इस तरह की खबरें सामने न आतीं। हमें जो जानकारी मिल रही है, उसके मुताबिक स्कूल बच्चों के अभिभावकों के साथ तालमेल बैठाकर बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर बेहद उदासीन हैं।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकारों की विफलता है कि वे केंद्र सरकार के दिशानिर्देशों का पालन नहीं करवा पा रही हैं। मुझे ऐसा लगता है कि यह राज्य सरकार के अधिकारियों की घोर लापरवाही है। यह सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवहेलना है। सेंट्रल दिल्ली वाले मामले में हमने डीसीपी और डीएम को नोटिस भेजा है। उनसे रिपोर्ट मांगी है। जरूरत पड़ी तो देशभर में राज्य सरकारों को आगाह करेंगे और आवश्यक निर्देश जारी करेंगे।

सेंट्रल दिल्ली में छात्र सुसाइड मामले में प्रियंक कानूनगो ने कहा कि हमने नोटिस जारी कर दिया है और जवाब देने के लिए दस दिन का समय भी दिया है। जैसा उनका जवाब आएगा, उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।

वहीं अरशद मदनी के बयान पर उन्होंने कहा कि मुसलमानों को भड़काकर अपना उल्लू सीधा करना चाहते हैं। अल-फलाह यूनिवर्सिटी के फैकल्टी का आतंकी कनेक्शन निकला है। कानून अपना काम कर रहा है, लेकिन आतंकियों को पनाह देने के लिए कुछ लोग इस तरह की हरकतें करते हैं। अरशद मदनी जैसे लोग धार्मिक आधार पर लोगों को भड़काकर चुनावों को प्रभावित करते रहे हैं।

उन्होंने कहा कि इन लोगों का बच्चों की शिक्षा और समाज की भलाई से कोई लेना–देना नहीं है। ये लोग सिर्फ मुसलमानों को भड़काना चाहते हैं और कट्टरपंथ की अंधी दौड़ में शामिल करना चाहते हैं। अब भारत का मुसलमान जाग चुका है। वह इनके बहकावे में नहीं आएगा। बच्चों को बहकाना बहुत खतरनाक है।

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Created On :   23 Nov 2025 7:34 PM IST

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