शीतकालीन सत्र एनडीए नेताओं ने संसद में हंगामे पर विपक्ष की आलोचना की

शीतकालीन सत्र एनडीए नेताओं ने संसद में हंगामे पर विपक्ष की आलोचना की
केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए के नेताओं ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन विपक्ष की ओर से सदन में हंगामे की आलोचना की है। एनडीए नेताओं ने कहा कि सदन की कार्यवाही में रुकावट डालना लोकतांत्रिक परंपरा के खिलाफ है। अगर विपक्ष का एकमात्र मकसद सिर्फ हंगामा खड़ा करना है, तो यह एक गलत तरीका है।

नई दिल्ली, 1 दिसंबर (आईएएनएस)। केंद्र में सत्तारूढ़ एनडीए के नेताओं ने संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन विपक्ष की ओर से सदन में हंगामे की आलोचना की है। एनडीए नेताओं ने कहा कि सदन की कार्यवाही में रुकावट डालना लोकतांत्रिक परंपरा के खिलाफ है। अगर विपक्ष का एकमात्र मकसद सिर्फ हंगामा खड़ा करना है, तो यह एक गलत तरीका है।

सोमवार को संसद के शीतकालीन सत्र की शुरुआत हंगामे के साथ हुई है। एसआईआर जैसे विषयों पर चर्चा की मांग करते हुए विपक्ष ने नारेबाजी की। लगातार हंगामा होने के कारण पहले ही दिन लोकसभा की कार्यवाही बार-बार स्थगित करनी पड़ी।

केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने आरोप लगाया कि विपक्ष ने संवादहीनता का माहौल बनाया है। वह एक गलत परंपरा को स्थापित कर रहा है। चिराग पासवान ने आईएएनएस से बातचीत में कहा, "पहली बार संसद आए सांसद अपनी बात रखना चाहते हैं। उनमें से कई सांसद इस गतिरोध से सहमत नहीं होंगे। सांसदों के प्रश्नकाल में सवाल लगे होते हैं और शून्यकाल में अपने विषयों को उठाना होता है, लेकिन विपक्ष गतिरोध की परंपरा को स्थापित कर रहे हैं।"

भाजपा के सांसद राजीव प्रताप रूडी ने विपक्ष को जवाब देते हुए कहा कि उन्हें बिहार चुनावों का एनालिसिस करने की जरूरत है, ताकि यह पता चल सके कि एसआईआर का मुद्दा जरूरी था या नहीं। अगर वे नतीजों का क्रिटिकली एनालिसिस करने के लिए तैयार नहीं हैं, तो भविष्य में भी यही हाल होना है।

उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि चिंता में डूबी कांग्रेस या अन्य विपक्षी दलों को अगले चुनाव के लिए तैयारी करनी चाहिए। भारतीय जनता पार्टी और एनडीए गठबंधन किस प्रकार से बिहार में कामयाब हुआ, उसका अध्ययन करके उन्हें चुनौती को स्वीकार करना चाहिए।"

विपक्ष के हंगामे पर जदयू के सांसद संजय कुमार झा ने भी करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा, "विपक्ष ने एसआईआर पर हंगामा करके पिछले सत्र को भी बर्बाद किया। एसआईआर का काम पूरा सिर्फ बिहार में हुआ है। अभी अन्य राज्यों में एसआईआर की सिर्फ शुरुआत हुई है।"

उन्होंने याद दिलाया कि बिहार में एसआईआर प्रक्रिया के दौरान चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक पार्टियों से संपर्क किया और बीएलओ के माध्यम से समस्याओं को सुलझाने के लिए कहा था। संजय झा ने कहा, "किसी भी राजनीतिक दल ने मतदाता सूची में से गलत तरीके से नाम काटने की शिकायत चुनाव आयोग को नहीं दी। किसी मतदाता ने भी चुनाव आयोग के पास शिकायत नहीं दी।"

संजय झा ने कहा कि एसआईआर के नाम पर विपक्ष के नेताओं ने यात्राएं निकालीं, लेकिन बिहार के चुनाव में जनता ने एनडीए को बहुमत दिया। नतीजे स्पष्ट करते हैं कि विपक्ष के लोग एसआईआर के नाम पर सिर्फ राजनीतिक रोटियां सेक रहे थे।

भाजपा सांसद जगदंबिका पाल ने विपक्ष पर देश को गुमराह करने के आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव में जनतादेश के बाद भी विपक्ष ने एसआईआर को मुद्दा बनाया है। बिहार में चुनाव आयोग के पास किसी ने एक शिकायत नहीं की। अब विपक्ष सुनियोजित ढंग से सदन को नहीं चलने दे रहा है।

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Created On :   1 Dec 2025 2:33 PM IST

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