महाराष्ट्र श्री सिद्धिविनायक ट्रस्ट ने बाढ़ पीड़ितों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में 10 करोड़ रुपए दान किए

महाराष्ट्र श्री सिद्धिविनायक ट्रस्ट ने बाढ़ पीड़ितों के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में 10 करोड़ रुपए दान किए
महाराष्ट्र के कई जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण गंभीर बाढ़ की स्थिति बन गई। कई गांव और शहर जलमग्न हो गए। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया और हजारों लोगों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा।

मुंबई, 29 सितंबर (आईएएनएस)। महाराष्ट्र के कई जिलों में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण गंभीर बाढ़ की स्थिति बन गई। कई गांव और शहर जलमग्न हो गए। जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया और हजारों लोगों को अपने घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा।

इस कठिन समय में, देश के प्रसिद्ध श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर ट्रस्ट ने एक सराहनीय कदम उठाया है। ट्रस्ट ने बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में 10 करोड़ रुपए का योगदान देने की घोषणा की है। इस बात की जानकारी श्री सिद्धिविनायक मंदिर के आधिकारिक 'एक्स' पोस्ट पर प्रेस रिलीज शेयर करके दे दी गई।

ट्रस्ट की कार्यकारी अधिकारी ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि महाराष्ट्र के कई हिस्सों में आई इस प्राकृतिक आपदा से जो तबाही हुई है, उससे पूरा राज्य प्रभावित हुआ है। श्री सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष आचार्य पवन त्रिपाठी ने कहा, "बाढ़ में लोगों को भारी नुकसान हुआ है। किसानों का भारी संख्या में नुकसान हुआ है। हम भगवान सिद्धिविनायक से प्रार्थना करते हैं कि महाराष्ट्र इस संकट से जल्द से जल्द बाहर निकले और इसके लिए श्री सिद्धिविनायक मंदिर ट्रस्ट ने मुख्यमंत्री राहत कोष में 10 करोड़ रुपए देने का निर्णय लिया है।"

मुंबई के प्रभादेवी स्थित यह ट्रस्ट न केवल धार्मिक गतिविधियों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि सामाजिक कार्यों में भी हमेशा अग्रणी रहा है। श्री सिद्धिविनायक गणपति मंदिर, जो लाखों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है, अपने धार्मिक दायित्वों के साथ-साथ सामाजिक जिम्मेदारियों को भी निभा रहा है।

ट्रस्ट का मुख्यालय एसके बोले मार्ग, प्रभादेवी, मुंबई में स्थित है। यह ट्रस्ट महाराष्ट्र सरकार के नियंत्रण में है और इसके लिए विशेष अधिनियम बनाया गया है। लोगों का मानना है कि सिद्धिविनायक ट्रस्ट का यह योगदान केवल आर्थिक मदद नहीं है, बल्कि यह समाज के प्रति उसकी प्रतिबद्धता और संवेदनशीलता का प्रतीक भी है।

Created On :   29 Sept 2025 7:13 PM IST

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