वन्य जीवन: विश्व भालू दिवस आगरा स्थित केंद्र में शान से रह रहे 100 भालू

विश्व भालू दिवस  आगरा स्थित केंद्र में शान से रह रहे 100 भालू
पूरी दुनिया में हर साल की तरह इस साल भी 23 मार्च को विश्व भालू दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन दुनिया भर में भालुओं के प्रति जागरूकता और सराहना बढ़ाने के लिए समर्पित है। आगरा स्थित विश्व के सबसे बड़े संरक्षित भालू केंद्र में 100 भालू चैन और आनंद की जिंदगी बसर कर रहे हैं। 20 साल पहले इनकी संख्या 500 से ज्यादा होती थी।

आगरा, मार्च 23 (आईएएनएस)। पूरी दुनिया में हर साल की तरह इस साल भी 23 मार्च को विश्व भालू दिवस मनाया जा रहा है। यह दिन दुनिया भर में भालुओं के प्रति जागरूकता और सराहना बढ़ाने के लिए समर्पित है। आगरा स्थित विश्व के सबसे बड़े संरक्षित भालू केंद्र में 100 भालू चैन और आनंद की जिंदगी बसर कर रहे हैं। 20 साल पहले इनकी संख्या 500 से ज्यादा होती थी।

वन्यजीव संरक्षण संस्था, वाइल्डलाइफ एसओएस के आगरा भालू संरक्षण केंद्र में पुनर्वासित स्लॉथ भालूओं को प्यार और देखभाल प्रदान करने के लिए संस्था की समर्पित टीम अपना कार्य जारी रखे हुए है। ताज सिटी में सूर सरोवर क्षेत्र में स्थापित ये विश्व स्तर पर सबसे बड़ा स्लॉथ भालुओं के लिए बचाव और पुनर्वास केंद्र है।

1995 में स्थापित वाइल्डलाइफ एसओएस, पर्यटकों के मनोरंजन के लिए सड़कों पर भालूओं को नचाने की क्रूर और बर्बर प्रथा को खत्म करने के लिए जानी जाती है। 'कलंदर' नाम से जानी जाने वाली यह जनजाति भालू के बच्चों को शिकारियों से खरीदकर इनका शोषण करती थी। यह भालुओं पर भयानक क्रूरता करती थी, जिसमें उनकी नाज़ुक थूथन को गर्म लोहे के नुकीली रॉड से छेदना और उन्हें पैसे कमाने के लिए प्रदर्शन करने के लिए मजबूर करना शामिल था।

यह प्रथा न केवल अमानवीय थी बल्कि वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत अवैध भी थी। इन वर्षों में वाइल्डलाइफ एसओएस ने 628 स्लॉथ भालूओं को इस तरह के शोषण से बचाया है। जिसमे आखिरी भालू को 2009 में सड़कों पर तमाशा दिखाने से बचाया गया था।

संस्था पूरे भारत में चार स्लॉथ भालू बचाव और पुनर्वास केंद्र संचालित करती है, जिसमें आगरा भालू संरक्षण केंद्र अपनी तरह का सबसे बड़ा है। वर्तमान में, आगरा भालू संरक्षण केंद्र लगभग 100 बचाए गए डांसिंग स्लॉथ भालूओं का घर है, जो उन्हें अपने दर्दनाक अतीत से उबरने के लिए एक सुरक्षित आश्रय प्रदान करता है। भालुओं को समर्पित पशु चिकित्सकों और पशु देखभाल कर्मचारियों से विशेष देखभाल मिलती है।

वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, ''आगरा भालू संरक्षण केंद्र में प्रत्येक दिन की शुरुआत दलिया के पौष्टिक भोजन के साथ होती है। इसके बाद उन्हें फल और शाम को फिर से दलिया परोसा जाता है। उनके शरीर और दिमाग को तीव्र रखने के लिए, भालूओं को उनके जंगली बाड़ों में विभिन्न एनरिचमेंट प्रदान किए जाते हैं, जिससे उनके जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए प्राकृतिक व्यवहार को बढ़ावा मिलता है।

वाइल्डलाइफ एसओएस के डायरेक्टर कंज़रवेशन प्रोजेक्ट्स बैजूराज एम.वी. ने कहा, ''आहार संबंधी देखभाल के अलावा, भालुओं को उनके समग्र स्वास्थ्य और शक्ति के लिए मल्टीविटामिन और लिवर टॉनिक भी दी जाती है। इन व्यापक प्रयासों के माध्यम से वाइल्डलाइफ एसओएस का लक्ष्य इन भालुओं को शोषण और पीड़ा से मुक्त होकर जीवन का दूसरा मौका देना है।''

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Created On :   23 March 2024 10:04 AM IST

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