नोएडा में माता की मूर्तियों का विसर्जन, 12 कृत्रिम तालाबों पर विशेष व्यवस्था

नोएडा में माता की मूर्तियों का विसर्जन, 12 कृत्रिम तालाबों पर विशेष व्यवस्था
शारदीय नवरात्र के समापन के साथ ही नोएडा में माता दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन शुरू हो गया है। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा यमुना नदी व प्राकृतिक जल स्त्रोतों पर विसर्जन पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है।

नोएडा, 2 अक्टूबर (आईएएनएस)। शारदीय नवरात्र के समापन के साथ ही नोएडा में माता दुर्गा की मूर्तियों का विसर्जन शुरू हो गया है। पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए प्रशासन द्वारा यमुना नदी व प्राकृतिक जल स्त्रोतों पर विसर्जन पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है।

इसके स्थान पर शहर में कुल 12 कृत्रिम तालाब बनाए गए हैं, जहां श्रद्धालु अपनी प्रतिमाओं का विसर्जन कर रहे हैं। इन तालाबों पर नगर निकाय की ओर से विशेष कर्मियों की तैनाती की गई है, जो श्रद्धालुओं से मूर्तियां लेकर विधि-विधान के साथ विसर्जन कर रहे हैं। व्यवस्था इस तरह की गई है कि श्रद्धालुओं को तालाब में प्रवेश नहीं करना पड़ता, बल्कि वे प्रतिमा सौंपकर पूजा-अर्चना कर सकते हैं। विसर्जन से पूर्व वहां मौजूद कार्यकर्ता पूजा सामग्री और पॉलिथीन को अलग कर रहे हैं ताकि जल प्रदूषण न हो।

प्रशासन ने साफ निर्देश दिए हैं कि किसी भी प्रकार की प्लास्टिक सामग्री तालाब में न डाली जाए। सेक्टर-25ए स्थित मोदी मॉल के पास तैयार किए गए तालाब पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की आवाजाही जारी है। भीड़ को नियंत्रित रखने के लिए लोगों को तालाब के पास अधिक देर रुकने की अनुमति नहीं दी जा रही। मौके पर पुलिसकर्मी तैनात हैं, ताकि किसी भी तरह की अव्यवस्था न हो।

इसी तर्ज पर शहर के अन्य सेक्टरों जैसे 62, 137, 71, हरौला और झुंडपुरा इलाके में भी विसर्जन स्थल बनाए गए हैं। प्रशासन ने एनजीटी (नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल) के दिशा-निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने के लिए सख्त निगरानी की व्यवस्था की है। यमुना नदी के घाटों पर किसी भी प्रकार का विसर्जन पूरी तरह निषिद्ध है। इस संबंध में पुलिस और प्रशासन की संयुक्त टीम लगातार गश्त कर रही है। दशहरे और मूर्ति विसर्जन के मौके पर सुरक्षा व्यवस्था को पुख्ता रखने के लिए करीब 1500 पुलिसकर्मियों और स्वयंसेवकों की तैनाती की गई है।

इनमें महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। ड्रोन कैमरों की मदद से भीड़भाड़ वाले इलाकों की निगरानी की जा रही है। प्रशासन का दावा है कि इस वर्ष पर्यावरण अनुकूल विसर्जन व्यवस्था को लेकर लोगों में जागरूकता भी काफी बढ़ी है। अधिकतर श्रद्धालु स्वयं ही पॉलिथीन और प्लास्टर ऑफ पेरिस से बनी प्रतिमाओं के इस्तेमाल से बचने लगे हैं।

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Created On :   2 Oct 2025 5:43 PM IST

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