व्यापार: जीएसटी का मौजूदा 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत का स्लैब खत्म होगा, 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो दरें प्रस्तावित सरकारी सूत्र

जीएसटी का मौजूदा 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत का स्लैब खत्म होगा,  5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की दो दरें प्रस्तावित सरकारी सूत्र
केंद्र सरकार वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) में बड़ा बदलाव लाने जा रही है, जिसके तहत मौजूदा 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत के स्लैब को समाप्त किया जाएगा और केवल 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के दो स्लैब रह जाएंगे। यह जानकारी सरकारी सूत्रों की ओर से शुक्रवार को दी गई।

नई दिल्ली, 15 अगस्त (आईएएनएस)। केंद्र सरकार वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) में बड़ा बदलाव लाने जा रही है, जिसके तहत मौजूदा 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत के स्लैब को समाप्त किया जाएगा और केवल 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत के दो स्लैब रह जाएंगे। यह जानकारी सरकारी सूत्रों की ओर से शुक्रवार को दी गई।

सरकारी सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्रालय की ओर से जीएसटी परिषद को जो प्रस्ताव भेजा गया है। उसमें केवल दो जीएसटी दरें -5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत प्रस्तावित हैं।

इसका मतलब मौजूदा 12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत के स्लैब आने वाले समय में समाप्त हो जाएंगे।

सूत्रों ने आगे बताया कि सरकार ने किसानों, स्वास्थ्य और इंश्योरेंस से जुड़े उत्पादों पर कम कर दर रखने का प्रस्ताव दिया है। वहीं, तंबाकू और पान मसालों जैसे उत्पादों पर जीएसटी 40 प्रतिशत तक हो सकता है।

जीएसटी परिषद की बैठक सितंबर में होती है। इसमें ही कर दरों को लेकर फैसला किया जाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से शुक्रवार को अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों की घोषणा की गई।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर लाल किले से दिए भाषण में जीएसटी व्यवस्था में व्यापक बदलावों का संकेत देते हुए कहा,"इस दिवाली, मैं आपके लिए दोहरी दिवाली मनाने जा रहा हूं। देशवासियों को एक बड़ा तोहफा मिलने वाला है, आम घरेलू वस्तुओं पर जीएसटी में भारी कटौती होगी।"

प्रधानमंत्री मोदी ने जीएसटी दरों की समीक्षा की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया और इसे "समय की मांग" बताया। उन्होंने घोषणा की, "जीएसटी दरों में भारी कमी की जाएगी। आम लोगों के लिए कर कम किया जाएगा।"

प्रधानमंत्री मोदी ने यह घोषणा ऐसे समय पर की है जब देश में जीएसटी लागू हुए आठ वर्ष पूरे हो चुके हैं, यह आजादी के बाद भारत के सबसे महत्वपूर्ण कर सुधारों में से एक बन गया है। 2017 में अपनी शुरुआत के बाद से, जीएसटी ने देश के अप्रत्यक्ष कर ढांचे को एकीकृत किया है और विशेष रूप से छोटे और मध्यम उद्यमों के लिए व्यापार करने में आसानी में काफी सुधार किया है।

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Created On :   15 Aug 2025 6:27 PM IST

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