अवैध बालू खनन मामले में जीडी माइनिंग प्रमोटर अरुण सराफ गिरफ्तार, 14 नवंबर तक रिमांड

अवैध बालू खनन मामले में जीडी माइनिंग प्रमोटर अरुण सराफ गिरफ्तार, 14 नवंबर तक रिमांड
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कोलकाता जोनल कार्यालय ने अवैध बालू खनन मामले में बड़ी कार्रवाई की। ईडी ने 6 नवंबर को जीडी माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटर अरुण सराफ को धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया, जहां से 14 नवंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया।

कोलकाता, 10 नवंबर (आईएएनएस)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के कोलकाता जोनल कार्यालय ने अवैध बालू खनन मामले में बड़ी कार्रवाई की। ईडी ने 6 नवंबर को जीडी माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के प्रमोटर अरुण सराफ को धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 की धारा 19 के तहत गिरफ्तार किया है। गिरफ्तारी के बाद उन्हें अदालत में पेश किया गया, जहां से 14 नवंबर तक ईडी की हिरासत में भेज दिया गया।

पश्चिम बंगाल पुलिस की ओर से दर्ज की गई कई प्राथमिकी के आधार पर यह कार्रवाई शुरू हुई, जिनमें चोरी किए गए बालू की अवैध बिक्री के आरोप शामिल हैं। एक प्राथमिकी में यह सामने आया था कि भसरा ब्रिज के पास दो ट्रकों को पकड़ा गया, जो नकली ई-चालान के सहारे चोरी का बालू ले जा रहे थे। पुलिस ने इन वाहनों के साथ-साथ जीडी माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा जारी किए गए फर्जी चालान भी जब्त किए थे।

ईडी की जांच में यह सामने आया कि अरुण सराफ अपने व्यावसायिक निर्णयों में मुख्य भूमिका निभाते थे। उन्होंने बड़े पैमाने पर इस पूरे अवैध खनन और परिवहन नेटवर्क को संगठित किया और इस कारोबार से भारी आय अर्जित की।

इससे पहले, 8 सितंबर को ईडी ने कोलकाता और झारग्राम में 16 परिसरों पर तलाशी अभियान चलाया था, जिसमें जीडी माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय से 29 लाख रुपए नकद, कई आपत्तिजनक दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य बरामद किए गए थे। तलाशी के दौरान जांच एजेंसी ने संबंधित संस्थाओं की चल-अचल संपत्तियों की जानकारी भी जुटाई थी।

जांच में यह भी खुलासा हुआ कि नदी और स्टॉक प्वाइंट्स से चोरी किए गए बालू को अवैध रूप से ले जाने के लिए फर्जी या अमान्य चालानों का इस्तेमाल किया जा रहा था। आरोपी व्यक्ति और संस्थाएं आवंटित या नीलाम किए गए स्टॉक प्वाइंट्स से बालू लेकर उसे अवैध रूप से अन्य स्थानों तक पहुंचाते थे। इस अवैध गतिविधि से कमाई गई नकदी को नियमित खातों में मिलाने के लिए बिना किसी वैध स्रोत के जमा किया जाता था। इस तरह बड़े पैमाने पर बालू की चोरी, अवैध ढुलाई और बिक्री कर कई लोगों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।

ईडी की जांच में यह भी सामने आया कि यह मॉडस ऑपरेंडी बड़े स्तर पर इस्तेमाल किया जा रहा है और इसमें कई अन्य लोगों की संलिप्तता की जांच की जा रही है। अवैध रूप से कमाए गए धन के प्रवाह, उसकी परतों और अंतिम उपयोग का पता लगाने की प्रक्रिया जारी है। प्रवर्तन निदेशालय ने आगे बताया कि मामले की आगे की जांच जारी है।

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Created On :   10 Nov 2025 5:22 PM IST

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