अपराध: सहकारी बैंक के संस्थापक के खिलाफ मामले में ईडी का बड़ा एक्शन, 15 ठिकानों पर छापेमारी

बेंगलुरु, 19 जुलाई (आईएएनएस)। धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बड़ी कार्रवाई की। शुश्रुति सौहार्द सहकारी बैंक के संस्थापक एन श्रीनिवास मूर्ति के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले में केंद्रीय जांच एजेंसी ने बेंगलुरु और रामनगर स्थित 15 ठिकानों पर छापा मारा।
यह छापेमारी कार्रवाई शुश्रुति सौहार्द सहकारी बैंक नियमिथा का कार्यालय और इसके अध्यक्ष एन श्रीनिवास मूर्ति एवं अन्य आरोपियों के आवासीय कैंपस में की गई। तलाशी में आपत्तिजनक दस्तावेज और मनी लॉन्ड्रिंग से प्राप्त आय से अर्जित संपत्तियों का विवरण एकत्र किया गया है।
ईडी ने कर्नाटक पुलिस द्वारा दर्ज विभिन्न एफआईआर के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू की, जिसमें आरोप लगाया गया था कि बैंक ने अपने ग्राहकों को उनके फिक्स डिपोजिट और सेविंग अकाउंट पर न तो ब्याज दिया और न ही मूलधन वापस किया। यह भी आरोप लगाया गया था कि शुश्रुति सौहार्द सहकारी बैंक नियमिथा के अध्यक्ष और निदेशकों ने बैंक के कर्मचारियों के साथ मिलीभगत करके बैंक के ग्राहकों द्वारा जमा की गई राशि का गबन किया और उन्हें धोखा दिया।
एन श्रीनिवास मूर्ति बैंक के अध्यक्ष हैं, उनकी पत्नी धरणी देवी निदेशक हैं, और बेटी मोक्षतारा कार्यात्मक निदेशक हैं और बैंक से पैसों की हेराफेरी के मामले में सहायक थीं।
ईडी की जांच में यह भी पता चला कि एन श्रीनिवास मूर्ति ने विभिन्न वित्तीय संस्थाएं स्थापित कीं, जैसे शुश्रुति सौहार्द क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी, श्रीलक्ष्मी महिला को-ऑप सोसाइटी (श्रीनिवास मूर्ति की करीबी रिश्तेदार रत्नम्मा द्वारा प्रबंधित) और विभिन्न जमाकर्ताओं से धोखाधड़ी करने के इरादे से जमा स्वीकार किए।
यह भी पता चला कि श्रीनिवास मूर्ति और अन्य लोग अपने करीबी सहयोगियों के नाम पर बिना उचित प्रक्रिया का पालन किए और कभी-कभी बिना किसी संपार्श्विक के लोन स्वीकृत करते थे। बाद में लोन अकाउंट को एनपीए में बदल दिया गया और एन श्रीनिवास मूर्ति एवं अन्य लोगों ने उक्त राशि से अपने नाम पर संपत्तियां पंजीकृत करा लीं।
ईडी की जांच में यह भी पता चला कि श्रीनिवास मूर्ति की बेटी मोक्षतारा, शुश्रुति सौहार्द सहकारी बैंक नियमिथा के कर्मचारियों को एसआरओ के कार्यालय में ले जाती थीं और उनके नाम पर संपत्तियां खरीदती थीं और साथ ही अपने नाम पर जनरल पावर ऑफ अटॉर्नी भी प्राप्त कर लेती थीं।
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Created On :   19 July 2025 8:45 PM IST