राष्ट्रीय: सीबीआई की बड़ी कार्रवाई, ईपीएफओ के क्षेत्रीय आयुक्त 1.5 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

सीबीआई की बड़ी कार्रवाई, ईपीएफओ के क्षेत्रीय आयुक्त 1.5 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के क्षेत्रीय अधिकारी को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान जगदीश तांबे के रूप में हुई, जो पश्चिमी दिल्ली में ईपीएफओ के क्षेत्रीय आयुक्त के पद पर थे।

नई दिल्ली, 11 सितंबर (आईएएनएस)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के क्षेत्रीय अधिकारी को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान जगदीश तांबे के रूप में हुई, जो पश्चिमी दिल्ली में ईपीएफओ के क्षेत्रीय आयुक्त के पद पर थे।

सीबीआई ने जानकारी दी कि क्षेत्रीय आयुक्त जगदीश तांबे को शिकायतकर्ता से 1.50 लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, सीबीआई ने 9 सितंबर को आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया। क्षेत्रीय भविष्य निधि आयुक्त ने एक व्यक्ति के खिलाफ आरडीए कार्यवाही को अनुकूल तरीके से निपटाने के लिए 3 लाख रुपए की अवैध रिश्वत की मांगी थी।

बातचीत के बाद आरोपी अधिकारी ने शिकायतकर्ता से डेढ़ लाख रुपए की रिश्वत लेने पर सहमति व्यक्त की। इसी बीच, व्यक्ति ने सीबीआई को मामले की जानकारी दी। सीबीआई ने बुधवार को जाल बिछाया और आरोपी क्षेत्रीय आयुक्त को शिकायतकर्ता से 1.5 लाख रुपए की रिश्वत मांगते और स्वीकार करते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया।

फिलहाल, सीबीआई इस मामले में आगे की कार्रवाई में जुटी हुई है।

इस प्रेस विज्ञप्ति में यह भी कहा गया है कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ की गई सख्त कार्रवाई भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के प्रति उसकी दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती है। इसके साथ ही, लोगों से अपील की गई है कि जिन नागरिकों को भ्रष्टाचार के मामले देखने को मिलते हैं या जिनसे अधिकारी रिश्वत मांगते हैं, वे सीबीआई दफ्तर पहुंचकर या मोबाइल नंबर (9650394847) पर सूचना दे सकते हैं।

इससे पहले, सीबीआई ने राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली पुलिस के एक हेड कांस्टेबल को शिकायतकर्ता से एक लाख रुपए की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। सीबीआई ने 25 अगस्त को दिल्ली के अशोक विहार थाने में तैनात हेड कांस्टेबल और एक अन्य अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोप था कि सब-इंस्पेक्टर (एसआई) और आरोपी हेड कांस्टेबल ने शिकायतकर्ता के खिलाफ एफआईआर दर्ज न करने के लिए उससे 3 लाख रुपए की मांग की थी।

बातचीत के बाद आरोपी हेड कांस्टेबल ने शिकायत को बंद करने के लिए शिकायतकर्ता से 2 लाख रुपए की रिश्वत लेने पर सहमति जताई। आरोपी हेड कांस्टेबल ने शिकायतकर्ता को 25 अगस्त को ही 1 लाख रुपए का आंशिक भुगतान करने का निर्देश दिया। इसके बाद सीबीआई ने जाल बिछाया और आरोपी हेड कांस्टेबल को रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया।

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Created On :   11 Sept 2025 4:26 PM IST

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