स्वास्थ्य/चिकित्सा: महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के 197 मरीज स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर

महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम के 197 मरीज  स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर
महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के बढ़ते मामलों को लेकर राज्य सरकार अलर्ट मोड पर काम कर रही है। इस बीच, स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर ने बताया कि राज्य में जीबीएस के कारण एक मरीज की मौत हुई है।

मुंबई, 12 फरवरी (आईएएनएस)। महाराष्ट्र में गुइलेन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के बढ़ते मामलों को लेकर राज्य सरकार अलर्ट मोड पर काम कर रही है। इस बीच, स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर ने बताया कि राज्य में जीबीएस के कारण एक मरीज की मौत हुई है।

प्रकाश आबिटकर ने बुधवार को आईएएनएस को बताया, "जीबीएस के कारण जब पुणे में मरीज बढ़े थे, तब लोग बहुत परेशान हुए थे। जीबीएस की वजह से मुंबई में एक मरीज की मौत हुई है। इस समय गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से पीड़ित मरीजों की कुल संख्या 197 है। महाराष्ट्र की आबादी 12.50 करोड़ है। जीबीएस के मरीज काफी पहले से ही महाराष्ट्र में हैं। मरीजों की संख्या में जो लगातार इजाफा हो रहा था, उसे कंट्रोल करने में हम सक्षम हैं। इस बीमारी से डरने की जरूरत नहीं है। मुझे लगता है कि इसकी कोरोना से तुलना करने की जरूरत नहीं है।"

उन्होंने कहा कि गुइलेन-बैरे सिंड्रोम से जितने भी मरीज पीड़ित हुए हैं, वे जल्द ही ठीक हुए हैं, जिसके बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया गया है। जीबीएस को लेकर जिस तरह के दावे किए जा रहे थे कि यह कोरोना की तरह फैलेगा, ऐसा बिल्कुल भी नहीं हुआ है। पिछले एक महीने में सिर्फ 197 मरीज ही इससे पीड़ित हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि मुंबई के नायर अस्पताल में भर्ती 53 साल के एक मरीज की जीबीएस से मौत हुई है। मरीज वडाला इलाके का रहने वाला था और बीएमसी के बीएन देसाई अस्पताल में वार्ड बॉय के रूप में काम करता था।

जीबीएस के प्रकोप के बीच 29 जनवरी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रशासन से मरीजों के इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों में विशेष व्यवस्था करने को कहा था।

राज्य स्वास्थ्य विभाग ने सलाह दी है कि सामान्य सावधानियां बरतकर जीबीएस को कुछ हद तक रोका जा सकता है, जैसे उबला हुआ या बोतल बंद पानी पीना, खाने से पहले फलों और सब्जियों को अच्छी तरह से धोना, चिकन और मांस को ठीक से पकाना, कच्चे या अधपके भोजन, विशेष रूप से सलाद, अंडे, कबाब या समुद्री भोजन से परहेज करना।

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Created On :   12 Feb 2025 6:55 PM IST

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