बरूराज विधानसभा सीट 2020 में भाजपा को मिली थी पहली जीत, इस बार पकड़ मजबूत करने की चुनौती

बरूराज विधानसभा सीट 2020 में भाजपा को मिली थी पहली जीत, इस बार पकड़ मजबूत करने की चुनौती
बिहार में मुजफ्फरपुर जिले के अंतर्गत आने वाला बरूराज विधानसभा क्षेत्र उत्तर बिहार का एक महत्वपूर्ण राजनीतिक इलाका है। यह सीट वैशाली लोकसभा क्षेत्र के तहत आती है और सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है।

पटना, 28 अक्टूबर (आईएएनएस)। बिहार में मुजफ्फरपुर जिले के अंतर्गत आने वाला बरूराज विधानसभा क्षेत्र उत्तर बिहार का एक महत्वपूर्ण राजनीतिक इलाका है। यह सीट वैशाली लोकसभा क्षेत्र के तहत आती है और सामान्य वर्ग के लिए आरक्षित है।

भौगोलिक रूप से यह क्षेत्र मोतीपुर सामुदायिक विकास खंड और पारू प्रखंड के चोचहिन छपरा और सरैया ग्राम पंचायतों को सम्मिलित करता है।

1951 में बरूराज विधानसभा सीट के गठन के बाद से अब तक यहां 17 बार चुनाव हो चुके हैं। इसमें कांग्रेस ने 5 बार, राजद ने 3 बार, जनता दल और जदयू ने 2-2 बार जीत दर्ज की है। वहीं संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, लोक दल, भाजपा और एक निर्दलीय प्रत्याशी को एक-एक बार सफलता मिली है।

2015 में राजद के नंदकुमार राय ने भाजपा के अरुण कुमार सिंह को हराया था, लेकिन 2020 के विधानसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार अरुण कुमार सिंह ने इतिहास रचते हुए बरूराज सीट पर पहली बार कब्जा जमाया।

इस बार चुनाव में भाजपा के सामने सीट को बरकरार रखने की चुनौती है, जबकि महागठबंधन की ओर से विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) अपनी पहली जीत के लिए लड़ाई लड़ेगी।

इस बार के चुनाव में भाजपा ने फिर से अरुण कुमार सिंह पर भरोसा जताया है। वहीं विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) ने राकेश कुमार को मैदान में उतारा है। इसके अलावा जन सुराज पार्टी ने हीरालाल खारिया को प्रत्याशी बनाया है। कुल 12 उम्मीदवार इस बार चुनाव मैदान में हैं।

बरूराज विधानसभा क्षेत्र में यादव और मुस्लिम मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं। इसके अलावा राजपूत, नोनिया और वैश्य जाति के वोट भी परिणाम को प्रभावित करते हैं। हालांकि, भूमिहार जाति का वोट अंतिम नतीजे में निर्णायक साबित हो सकता है।

बरूराज ऐतिहासिक रूप से गंडक बेसिन का हिस्सा रहा है। यहां की उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी कृषि के लिए अत्यंत अनुकूल मानी जाती है। क्षेत्र में मुख्य रूप से गन्ना, धान और मक्का जैसी फसलें उगाई जाती हैं। कृषि ही यहां की अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, लेकिन हाल के वर्षों में पर्यावरणीय समस्याओं ने किसानों के सामने नई चुनौतियां खड़ी की हैं।

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Created On :   28 Oct 2025 1:28 PM IST

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