जरूरी हुआ तो अप्रैल तक पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाएगा दिलीप घोष

जरूरी हुआ तो अप्रैल तक पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाएगा दिलीप घोष
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर तीखा हमला बोला और चेतावनी दी कि अगर 2026 में टीएमसी सत्ता में लौटी तो राज्य में बड़े राजनीतिक बदलाव देखने को मिलेंगे।

दुर्गापुर, 26 सितंबर (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर तीखा हमला बोला और चेतावनी दी कि अगर 2026 में टीएमसी सत्ता में लौटी तो राज्य में बड़े राजनीतिक बदलाव देखने को मिलेंगे।

दुर्गापुर, 26 सितंबर (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) पर तीखा हमला बोला है। साथ ही चेतावनी दी कि अगर 2026 में टीएमसी सत्ता में लौटी तो राज्य में बड़े राजनीतिक बदलाव देखने को मिलेंगे।

कालीगंज मोड़ पर एक सड़क किनारे चाय पर चर्चा के दौरान दिलीप घोष ने दावा किया, "अगर 2026 में टीएमसी सत्ता में वापस आई, तो फिरहाद हाकिम को उपमुख्यमंत्री बनाने की मांग उठेगी। 2031 तक बंगाल में चुनाव सिर्फ एक मुस्लिम मुख्यमंत्री के नेतृत्व में होंगे, जिससे हिंदुओं को बिहार और झारखंड पलायन करना पड़ेगा।"

2011 के विधानसभा चुनाव का जिक्र करते हुए दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि टीएमसी सिर्फ इसलिए सत्ता में आई, क्योंकि सेना तैनात की गई थी वरना सीपीआई (एम) ने वोट में हेराफेरी कर सत्ता बरकरार रखी होती।

उन्होंने दावा किया कि चुनाव आयोग ने पहले ही एसआईआर (विशेष गहन पुनरीक्षण) सुनिश्चित कर लिया है और हर हाल में केंद्रीय बलों की तैनाती होगी। उन्होंने कहा, "अगर जरूरी हुआ तो अप्रैल तक राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया जाएगा और दीदी को कालीघाट वापस भेज दिया जाएगा।"

दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि टीएमसी एसआईआर प्रक्रिया से डरती है। उन्होंने इसे सत्तारूढ़ दल के लिए 'करो या मरो' का मामला बताया। उन्होंने कहा, "एक करोड़ वोट रद्द हो जाएंगे और दीदी के पास घर लौटने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।"

इस दौरान, पितृ पक्ष (श्राद्ध काल) के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ओर से दुर्गा पूजा पंडालों का उद्घाटन करने पर दिलीप घोष ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को सारे नियम-कायदे बदलने की आदत हो गई है।

उन्होंने कहा, "पूजा हो या न हो, इस पर विवाद करने से कोई फायदा नहीं है, क्योंकि वे जो चाहेंगी, करेंगी। उनका अलग पंजिका (पंचांग) है, इसीलिए ईद पर दो दिन की छुट्टी दी जाती है। उनका अलग कैलेंडर है, उन्हें कुछ दिन और चलने दीजिए।"

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Created On :   26 Sept 2025 12:42 PM IST

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