समीर वानखेड़े को दिल्ली हाईकोर्ट से झटका, आर्यन खान की वेबसीरीज पर दायर मानहानि याचिका खारिज

नई दिल्ली, 26 सितंबर (आईएएनएस)। आईआरएस अधिकारी और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) के पूर्व जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े को दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है। वानखेड़े ने अभिनेता शाहरुख खान और गौरी खान की कंपनी रेड चिलीज एंटरटेनमेंट, ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स और अन्य के खिलाफ 2 करोड़ रुपए की मानहानि का दावा करते हुए याचिका दाखिल की थी।
वानखेड़े का आरोप था कि शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान द्वारा निर्देशित वेब सीरीज 'द बैड्स ऑफ बॉलीवुड' में उन्हें बदनाम करने की कोशिश की गई है। हालांकि, दिल्ली हाईकोर्ट ने उनकी याचिका पर सुनवाई से फिलहाल इनकार कर दिया है।
अदालत का कहना है कि यह याचिका यहां विचार योग्य नहीं है। हालांकि, कोर्ट ने उनको याचिका में संशोधन करने और उपयुक्त फोरम में दोबारा दाखिल करने की छूट दे दी है।
यह मामला साल 2021 में चर्चित क्रूज ड्रग्स केस से जुड़ा है, जिसमें समीर वानखेड़े ने आर्यन खान को गिरफ्तार किया था। आर्यन को इस मामले में 27 दिन तक जेल में रहना पड़ा था, लेकिन बाद में उन्हें क्लीन चिट मिल गई। आर्यन खान ने इसी अनुभव को आधार बनाकर वेब सीरीज 'द बैड्स ऑफ बॉलीवुड' बनाई, जिसे नेटफ्लिक्स पर रिलीज किया गया।
समीर वानखेड़े का आरोप है कि इस सीरीज में उन्हें नाम लिए बिना दिखाया गया है और एक किरदार उनकी तरह की यूनिफॉर्म, अंदाज और भूमिका निभाता है, जिससे उनकी व्यक्तिगत और पेशेवर छवि को नुकसान पहुंचा है। उनका कहना है कि यह वेब सीरीज दुर्भावनापूर्ण इरादे से बनाई गई है ताकि उन्हें बदनाम किया जा सके।
उन्होंने आरोप लगाया कि सीरीज में ड्रग विरोधी एजेंसियों को गलत तरीके से पेश किया गया है, जिससे आम जनता का इन संस्थाओं पर विश्वास कमजोर होता है।
वानखेड़े ने अपनी याचिका में कोर्ट से अपील की थी कि इस सीरीज को प्रतिबंधित किया जाए और रेड चिलीज और नेटफ्लिक्स को 2 करोड़ रुपए हर्जाना देने का आदेश दिया जाए।
उन्होंने बताया कि यह रकम टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल में कैंसर मरीजों की मदद के लिए दान में दी जाएगी।
वानखेड़े ने एक विशेष सीन पर भी आपत्ति जताई, जिसमें एक किरदार 'सत्यमेव जयते' का नारा लगाने के बाद गलत इशारा दिखाता है। उनका कहना है कि यह भारत के राष्ट्रीय प्रतीक का अपमान है और इससे देश की भावनाओं को ठेस पहुंची है। इसके साथ ही उन्होंने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के उल्लंघन की बात भी कही।
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Created On :   26 Sept 2025 3:07 PM IST