मानवीय रुचि: आम जनता के लिए 24 जून से खोला जाएगा देहरादून स्थित राष्ट्रपति निकेतन

देहरादून, 24 मई (आईएएनएस)। उत्तराखंड के देहरादून स्थित राष्ट्रपति निकेतन को आम जनता के लिए 24 जून से खोल दिया जाएगा। 186 साल पुरानी 21 एकड़ जगह का उद्घाटन राष्ट्रपति और राष्ट्रपति भवन की विरासत के साथ नागरिकों की सहभागिता बढ़ाने की पहल का हिस्सा है। इस पहल के तहत, 2023 से राष्ट्रपति भवन, राष्ट्रपति निलयम (हैदराबाद) और राष्ट्रपति निवास (मशोबरा) को सप्ताह में छह दिन आम जनता के लिए खोला गया है।
फरवरी 2025 से, राष्ट्रपति भवन के प्रांगण में गार्ड ऑफ चेंज सेरेमनी की शुरुआत नए स्वरूप में हुई है, जिसमें बैठने की क्षमता बढ़ाई गई है। भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 20 जून को राष्ट्रपति निकेतन का दौरा करेंगी और इसे आम जनता के लिए खोलने की तैयारियों का जायजा लेंगी। इस अवसर पर वह 132 एकड़ के इकोलॉजिकल पार्क, राष्ट्रपति उद्यान की आधारशिला भी रखेंगी। राष्ट्रपति निकेतन को पहले 'राष्ट्रपति आशियाना' के नाम से जाना जाता था। इसका इस्तेमाल राष्ट्रपति के अंगरक्षकों द्वारा पीबीजी घोड़ों के प्रशिक्षण के लिए किया जाता था।
इस विरासत भवन में अब कलाकृतियों का एक संग्रह प्रदर्शित किया गया है और यह अपनी समृद्ध विरासत की झलक पेश करता है। आगंतुकों को राष्ट्रपति के अंगरक्षकों के अस्तबल और घोड़ों को देखने का अवसर मिलेगा। इसके अलावा, लिली तालाब, रॉकरी तालाब, रोज गार्डन और पेर्गोला भी आकर्षण के केंद्र होंगे। राष्ट्रपति निकेतन के अलावा, लोग राजपुर रोड पर 19 एकड़ के घने जंगल में फैले राष्ट्रपति तपोवन भी जा सकते हैं। तपोवन में अनेकों देसी पेड़, घुमावदार पगडंडियां, लकड़ी के पुल, पक्षियों को देखने के लिए ऊंचे मचान और चिंतन और ध्यान के लिए शांत स्थानों के साथ प्रकृति में एक शांत स्थल प्रदान करता है।
राष्ट्रपति उद्यान को अगले साल जनता के लिए खोला जाना है। इस उद्यान को एक पर्यावरण और मनोरंजक स्थान के रूप में विकसित करने की योजना है, जिसमें थीम वाले उद्यान, एक तितली उद्यान, एक सुंदर झील, एक पक्षीशाला और बच्चों के लिए विशेष खेल क्षेत्र शामिल है।
पार्क योजना में एक स्पोर्ट्स जोन, पैदल चलने के ट्रैक, जॉगिंग और साइकिलिंग ट्रैक, जल संरक्षण प्रणाली और बाहरी शिक्षण प्रतिष्ठान भी शामिल हैं, जिससे एक जीवंत कक्षा का निर्माण करने जैसा अनुभव मिलेगा जो पर्यावरण जागरूकता, सक्रिय जीवन शैली और प्रकृति के साथ सद्भाव में परिवार के जुड़ाव को प्रोत्साहित करता है।
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Created On :   24 May 2025 6:11 PM IST