अयोध्या प्रधानमंत्री मोदी 25 नवंबर को जाएंगे श्री राम जन्मभूमि मंदिर, ऐसा रहेगा पूरा कार्यक्रम

अयोध्या प्रधानमंत्री मोदी 25 नवंबर को जाएंगे श्री राम जन्मभूमि मंदिर, ऐसा रहेगा पूरा कार्यक्रम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर जाएंगे।

नई दिल्ली, 24 नवंबर (आईएएनएस)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 नवंबर को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्री राम जन्मभूमि मंदिर जाएंगे।

मिली जानकारी के अनुसार प्रधानमंत्री मोदी करीब 10 बजे सप्त मंदिर जाएंगे, जहां महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, महर्षि अगस्त्य, महर्षि वाल्मीकि, देवी अहिल्या, निषादराज गुहा और माता शबरी से जुड़े मंदिर हैं। इसके बाद वे शेषावतार मंदिर जाएंगे।

सुबह करीब 11 बजे माता अन्नपूर्णा मंदिर जाएंगे। इसके बाद, वे राम दरबार गर्भगृह में दर्शन और पूजा करेंगे और वे रामलला गर्भगृह में दर्शन करेंगे।

दोपहर करीब 12 बजे अयोध्या में पवित्र श्री राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर भगवा झंडा फहराएंगे, जो मंदिर के निर्माण के पूरा होने और सांस्कृतिक उत्सव और राष्ट्रीय एकता के एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी इस ऐतिहासिक मौके पर सभा को भी संबोधित करेंगे।

यह कार्यक्रम मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की शुभ पंचमी को होगा, जो श्री राम और मां सीता की विवाह पंचमी के अभिजीत मुहूर्त के साथ होगा। यह तारीख नौवें सिख गुरु, गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस को भी दर्शाती है, जिन्होंने 17वीं सदी में अयोध्या में 48 घंटे बिना रुके ध्यान किया था, जिससे इस दिन का आध्यात्मिक महत्व और बढ़ जाता है।

श्री राम जन्मभूमि मंदिर परिसर में मुख्य मंदिर की बाहरी दीवारों पर वाल्मीकि रामायण पर आधारित भगवान श्री राम के जीवन से जुड़े बारीकी से पत्थर पर उकेरे गए 87 प्रसंग हैं और घेरे की दीवारों पर भारतीय संस्कृति से जुड़े 79 कांस्य-ढाल वाले प्रसंग रखे गए हैं। ये सभी चीजें मिलकर सभी अतिथियों को एक सार्थक और ज्ञानवर्धक अनुभव देती हैं, जो भगवान श्री राम के जीवन और भारत की सांस्कृतिक विरासत के बारे में गहरी जानकारी देती हैं।

यहां पर दस फीट ऊंचा और बीस फीट लंबा समकोण वाला तिकोना झंडा है, जिस पर एक चमकते सूरज की तस्वीर है और उस पर कोविदारा पेड़ की तस्वीर के साथ 'ॐ' लिखा है।

इसके साथ ही मंदिर के चारों ओर बना 800 मीटर का परकोटा, जो दक्षिण भारतीय वास्तुशिल्प परंपरा में डिजाइन किया गया है, मंदिर की वास्तुशिल्प विविधता को दिखाता है।

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Created On :   24 Nov 2025 3:32 PM IST

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