बेंगलुरु उबर ऑफिस में भारी हंगामा, कैब चालकों पर पुलिस ने भांजी लाठियां

बेंगलुरु उबर ऑफिस में भारी हंगामा, कैब चालकों पर पुलिस ने भांजी लाठियां
कर्नाटक की राजधानी स्थित उबर के मुख्य कार्यालय में विरोध प्रदर्शन कर रहे कैब ड्राइवर्स पर बेंगलुरु पुलिस ने लाठियां भांजी। सोमवार को सैकड़ों कैब ड्राइवरों ने कंपनी पर भेदभाव, काम न देने और बहुत ज्यादा प्राइसिंग का आरोप लगाते हुए धावा बोला था।

बेंगलुरु, 24 नवंबर (आईएएनएस)। कर्नाटक की राजधानी स्थित उबर के मुख्य कार्यालय में विरोध प्रदर्शन कर रहे कैब ड्राइवर्स पर बेंगलुरु पुलिस ने लाठियां भांजी। सोमवार को सैकड़ों कैब ड्राइवरों ने कंपनी पर भेदभाव, काम न देने और बहुत ज्यादा प्राइसिंग का आरोप लगाते हुए धावा बोला था।

चालकों का आरोप है कि ऐप पर कन्नड़ ड्राइवर्स को ब्लॉक कर दिया गया है। उनका कहना था कि बांग्लादेश और अन्य राज्यों से आए चालकों को तरजीह दी जा रही है जबकि उनके लाइसेंस भी वैध नहीं हैं।

विरोध प्रदर्शन का आयोजन भारत ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने किया था, जो इतना बढ़ गया कि पुलिस को भीड़ तितर-बितर करने के लिए लाठियां चलानी पड़ीं। कर्नाटक स्टेट रिजर्व पुलिस (केएसआरपी) की एक टुकड़ी को भी तैनात करना पड़ा।

कथित तौर पर जैसे ही भीड़ बढ़ने लगी, घबराए उबर स्टाफ ने दफ्तर का दरवाजा बंद कर दिया। ड्राइवर्स ने आरोप लगाया कि कंपनी बाहरी और विदेशी चालकों के साथ-साथ कंपनी की गाड़ियों को ट्रिप की इजाजत दे रही है लेकिन प्लेटफॉर्म से जुड़ी उनकी गाड़ियों को नजरअंदाज कर रही है।

कइयों का कहना था कि उन्होंने कंपनी से मिले आश्वासन के आधार पर ही लाखों खर्च कर वाहन खरीदे, लेकिन अब स्थिति ये है कि ईएमआई तक नहीं भर पा रहे हैं और रोजमर्रा का खर्चा निकालने में भी समस्या आ रही है।

प्रदर्शन कर रहे एक ड्राइवर ने कहा, "बिना गाड़ी चलाए भला हम ईएमआई या फिर घर के खर्चों को कैसे मैनेज कर पाएंगे? हमने कंपनी का भरोसा कर लाखों रुपए खर्च कर डाले, लेकिन अब हमारे पास काम ही नहीं है।"

प्रदर्शनकारियों का ये भी कहना है कि कंपनी प्रदेश सरकार के 'वन सिटी, वन फेयर' (एक शहर एक किराया) नियम की भी धज्जियां उड़ा रही है। ये लोग यात्रियों से पीक आवर्स (व्यस्ततम समय) में दुगना चार्ज करते हैं। हालांकि, इसे लेकर पुलिस और यातायात विभाग के अधिकारियों से शिकायत भी की गई है।

तनाव तब और बढ़ गया जब स्टाफ ने खुद को कार्यालय में बंद कर लिया। इसके बाद पुलिस ने लोहे के रॉड से दरवाजा खोला। दरवाजा खुलने के साथ ही उबर कर्मचारी पीछे के दरवाजे से निकल गए। बाद में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने उबर के प्रतिनिधियों से चर्चा की। उन्होंने वादा किया कि प्रबंधन से विचार-विमर्श कर मामले को सुलझा लिया जाएगा।

इस बीच उच्चाधिकारियों की सलाह के बाद भी जब प्रदर्शनकारी जाने को राजी नहीं हुए तो अतिरिक्त पुलिस बलों को बुलाना पड़ा और लाठी चार्ज करना पड़ा। इसके बाद कई चालकों को हिरासत में लिया गया।

उबर ने अब तक इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है।

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Created On :   24 Nov 2025 4:30 PM IST

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