राष्ट्रीय: फाजिल्का में पशुओं की सुरक्षा के लिए अलर्ट मोड पर पशुपालन विभाग, 32 टीमें तैनात

फाजिल्का में पशुओं की सुरक्षा के लिए अलर्ट मोड पर पशुपालन विभाग, 32 टीमें तैनात
पंजाब के फाजिल्का जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में पशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए पशुपालन विभाग की ओर से 32 टीमें तैनात की गई हैं। ये टीमें 24 घंटे पशुओं को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करा रही हैं।

फाजिल्का, 11 सितंबर (आईएएनएस)। पंजाब के फाजिल्का जिले के सीमावर्ती क्षेत्र में पशुओं के स्वास्थ्य की देखभाल के लिए पशुपालन विभाग की ओर से 32 टीमें तैनात की गई हैं। ये टीमें 24 घंटे पशुओं को स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करा रही हैं।

पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. मनदीप सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि बाढ़ के कारण फाजिल्का जिले में कुल 13 पशुओं की मौत हुई है, जिनमें चार मुर्गियां भी शामिल हैं।

मालिकों ने पानी में बह जाने की अपनी रिपोर्ट दर्ज कराई है। उन्होंने बताया कि जिले में कुल 16 हजार पशु बाढ़ के कारण प्रभावित हुए हैं, जिनमें से 8 हजार पशुओं का पशुपालन विभाग की मेडिकल टीमों द्वारा ओपीडी में इलाज किया गया है। उन्होंने बताया कि शुरुआत में जब पशु ट्रैक्टर ट्रॉलियों के माध्यम से राहत केंद्र पहुंचे तो उनमें भीगने और थकने के कारण बीमार होने के लक्षण दिखाई दिए। दुधारू पशुओं को पूरा खाना न मिलने के कारण उनका दूध उत्पादन भी कम हो गया।

डॉ. मनदीप सिंह ने बताया कि कई लोगों द्वारा राहत केंद्रों में जरूरत से ज्यादा लंगर पहुंचने के कारण मवेशियों को बढ़ा हुआ लंगर खिलाया गया, जिससे मवेशियों के पेट में एसिड बनने की समस्या सामने आई। एसिड बनने से दूध में वसा की मात्रा कम हो गई और ज्यादा एसिड बनने के कारण मवेशियों के स्वास्थ्य पर भी इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ा, जिसके चलते लोगों को मवेशियों को ज्यादा लंगर न देने की हिदायत दी गई।

उन्होंने बताया कि स्वाइन फ्लू को लेकर जिला स्तर पर कोई एडवाइजरी जारी नहीं की गई है, लेकिन सरकार समय-समय पर राज्य स्तर पर एडवाइजरी जारी करती है। उत्तर पूर्व में ट्रक और ट्रैक्टर या अन्य सामान और सूअरों के चालकों को सावधान रहने के लिए कहा जाता है। इसी तरह, जंगली सूअरों से बचने के लिए भी विभाग द्वारा निर्देश जारी किए गए हैं।

उन्होंने कहा कि जहां पशु गीले स्थानों पर हैं, वहां से उन्हें सूखे स्थानों पर लाया जाए और पशुओं के पैरों में पोटेशियम कार्बोनेट दवा लगाई जाए, ताकि उनके पैरों को नुकसान से बचाया जा सके। पशुओं को मच्छरों से बचाने के लिए आस-पास खड़े पानी में काले तेल और डीजल का छिड़काव किया जाए।

बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को पंजाब के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था। इसके साथ ही उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के लिए 1600 करोड़ रुपए की राहत राशि की घोषणा की।

पीआईएम/डीएससी

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Created On :   11 Sept 2025 10:51 PM IST

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