हिमाचल प्रदेश सुक्खू सरकार का आदिवासी विकास पर जोर, 35,000 परिवार होंगे लाभान्वित

हिमाचल प्रदेश  सुक्खू सरकार का आदिवासी विकास पर जोर, 35,000 परिवार होंगे लाभान्वित
हिमाचल प्रदेश सरकार ने पिछले ढाई वर्षों में राज्य में 3,000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के साथ आदिवासी विकास को गति दी है, सरकारी अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

शिमला, 19 अक्टूबर (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश सरकार ने पिछले ढाई वर्षों में राज्य में 3,000 करोड़ रुपए से अधिक के निवेश के साथ आदिवासी विकास को गति दी है, सरकारी अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस पहल से बेहतर बुनियादी ढांचे, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा तक बेहतर पहुंच, आजीविका सृजन कार्यक्रमों और बेहतर सामाजिक सेवाओं के माध्यम से 35,000 से अधिक आदिवासी परिवारों को सीधे लाभ हुआ है।

नई सड़कें, पुल, आवासीय विद्यालय, स्वास्थ्य सुविधाएं और समुदाय-आधारित हस्तक्षेप राज्य के सामाजिक-आर्थिक परिदृश्य को लगातार बदल रहे हैं।

जनजातीय क्षेत्र विकास कार्यक्रम को 2022-23 में 855 करोड़ रुपए, 2023-24 में 857.14 करोड़ रुपए, 2024-25 में 890.28 करोड़ रुपए और 2025-26 के लिए 638.73 करोड़ रुपए के प्रस्तावित बजटीय प्रावधानों के साथ एक मजबूत वित्तीय आधार पर क्रियान्वित किया गया है।

सड़कों, पुलों, परिवहन अवसंरचना और सार्वजनिक भवनों सहित प्रमुख नागरिक कार्यों के लिए 2022-23 में 290.58 करोड़ रुपए, 2023-24 में 287.99 करोड़ रुपए और 2024-25 में 62.92 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं, जिनमें से 2025-26 के लिए 125.06 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।

उच्च-ऊंचाई वाले और कम आबादी वाले क्षेत्रों में सेवा वितरण की चुनौती को स्वीकार करते हुए, राज्य सरकार ने दूर स्थित बस्तियों में बुनियादी सार्वजनिक सेवाओं को सुदृढ़ किया है।

स्वास्थ्य उप-केंद्रों का उन्नयन किया गया है, मोबाइल आउटरीच और रेफरल यूनिट्स स्थापित की गई हैं, जबकि पेयजल और बिजली आपूर्ति को और अधिक विश्वसनीय बनाया गया है।

बयान में कहा गया है कि बागवानी, पशुपालन और स्थानीय उपज के मूल्यवर्धन से जुड़ी आजीविका सहायता ने आदिवासी परिवारों की आय को स्थिर करने में मदद की है।

वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम के तहत, किन्नौर, पूह और स्पीति में 75 सीमांत बस्तियों की मैपिंग की गई है। साथ ही सीमावर्ती क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे, सामाजिक सेवाओं और आर्थिक अवसरों को मजबूत करने के लिए विकास योजनाएं तैयार की गई हैं।

इन गांवों में कनेक्टिविटी, आवास और सामुदायिक संपत्तियों पर काम शुरू हो चुका है।

शिक्षा क्षेत्र में भी प्राथमिकता पर जोर दिया जा रहा है। निचार, भरमौर, पांगी और लाहौल में चार एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों में वर्तमान में 1,008 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं, और कक्षा 6 में हर साल 150 नए स्कूलों में प्रवेश दिया जाता है।

पांगी और लाहौल में नए स्कूल और छात्रावास परिसरों का निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके लिए क्रमशः 2 करोड़ रुपए और 1.90 करोड़ रुपए पहले ही जारी किए जा चुके हैं।

राज्य सरकार ने 20-सूत्री कार्यक्रम के तहत भी अपने लक्ष्य को पार कर लिया है, जबकि 2022-23 में 7,502 परिवारों और 2023-24 में 8,598 परिवारों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया था।

इसी प्रकार, 2024-25 में 6,573 परिवारों के लक्ष्य के मुकाबले 12,663 परिवारों को कवर किया गया, जो लक्ष्य से लगभग दोगुना है।

2025-26 के लिए 6,314 परिवारों को कवर करने का लक्ष्य रखा गया है।

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Created On :   19 Oct 2025 8:54 PM IST

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