राजनीति: श्यामा प्रसाद मुखर्जी के कश्मीर से धारा 370 को हटाने के संकल्प को पीएम मोदी ने पूरा किया मोहन यादव

श्यामा प्रसाद मुखर्जी के कश्मीर से धारा 370 को हटाने के संकल्प को पीएम मोदी ने पूरा किया  मोहन यादव
भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि डॉ. मुखर्जी ने जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाने के लिए बलिदान दिया था। डॉ. मुखर्जी के संकल्प को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरा किया है।

भोपाल, 23 जून (आईएएनएस)। भारतीय जनसंघ के संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के बलिदान दिवस पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा है कि डॉ. मुखर्जी ने जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाने के लिए बलिदान दिया था। डॉ. मुखर्जी के संकल्प को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरा किया है।

राजधानी स्थित प्रदेश कार्यालय के सामने अरेरा मंडल में स्थित डॉ. मुखर्जी की प्रतिमा पर मुख्यमंत्री मोहन यादव, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा एवं प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद सहित पार्टी पदाधिकारियों, जनप्रतिनिधियों ने पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें नमन किया। इसके पश्चात प्रदेश कार्यालय प्रांगण में स्थित डॉ. मुखर्जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित किया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री यादव ने कहा कि डॉ. मुखर्जी का जीवन हमें संदेश देता है कि राष्ट्रहित सर्वोपरि है। उन्होंने अपने जीवन की आहुति देकर देश की एकता और अखंडता की रक्षा की। ऐसे राष्ट्रनायक का स्मरण करना मात्र औपचारिकता नहीं, बल्कि हमारे राष्ट्रीय चरित्र को सशक्त करने का माध्यम है। डॉ. मुखर्जी ऐसे महानायक थे जिन्होंने आजादी के पहले और बाद की विभीषिका को भांप लिया था। डॉ. मुखर्जी ने आजादी से पहले अंग्रेजों के बंगभंग करने की साजिश को भांपकर आंदोलन चला दिया था। वहीं आजादी के बाद कश्मीर समस्या को भांपकर पूरे देश को आंदोलित किया और जम्मू-कश्मीर से धारा-370 हटाने के लिए बलिदान दे दिया। डॉ. मुखर्जी ने हमारे मोर मुकुट कश्मीर में “दो विधान, दो निशान, दो प्रधान” का विरोध किया।

उन्होंने आगे कहा कि संविधान निर्माता डॉ. अंबेडकर ने भी जम्मू-कश्मीर को विशेषाधिकार देने के लिए धारा-370 लागू करने का विरोध किया था। धारा-370 को हटाने का संकल्प डॉ. मुखर्जी ने लिया था, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साकार किया है। आजादी के तुरंत बाद ही जम्मू-कश्मीर की समस्या को भांप लेना और उसके समाधान के लिए मंत्री पद त्याग कर जनसंघ की स्थापना कर आंदोलन करना, यह कार्य डॉ. मुखर्जी जैसे देश के सच्चे वीर सपूत और महानायक ही कर सकते हैं। डॉ. मुखर्जी की संदिग्ध मौत का जिम्मेदार कौन है, इसका आज तक पता नहीं चला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाकर 1951-1952 की सरकार द्वारा लगाए गए कलंक को धोने का कार्य किया है।

इस मौके पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने कहा कि डॉ. मुखर्जी भारतीय इतिहास की एक ऐसी महान विभूति थे, जिनका जीवन राष्ट्रभक्ति, त्याग और दृढ़ संकल्प का प्रतीक रहा है। वे केवल एक राजनीतिज्ञ ही नहीं, बल्कि एक विचारक, शिक्षाविद् और देशभक्त भी थे, जिनके संकल्प आज भी हमारे लिए प्रेरणा के स्रोत हैं। आज ऐसे सपूत को श्रद्धांजलि देने हम यहां एकत्रित हुए हैं, जिनके संकल्प से कश्मीर से धारा-370 हटी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने धारा 370 हटाकर पार्टी के संकल्पों को पूरा किया है। डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने कश्मीर में “दो विधान, दो निशान, दो प्रधान” का विरोध करते हुए बलिदान दिया। हमारी पार्टी बलिदान के आधार पर बनी पार्टी है।

उन्होंने कहा कि डॉ. मुखर्जी का जीवन हमें संदेश देता है कि राष्ट्रहित सर्वोपरि है। डॉ. मुखर्जी ने ही भारतीय जनसंघ की स्थापना की थी, वही जनसंघ आज विश्व के सबसे बड़े और सर्वव्यापी राजनीतिक दल भाजपा के रूप में आप सबके सामने है। डॉ. मुखर्जी के आदर्शों पर चलकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा का प्रत्येक कार्यकर्ता 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प लेते है। मुख्यमंत्री यादव व पार्टी अध्यक्ष शर्मा ने कांग्रेस के कार्यकाल में आपातकाल लागू किए जाने को लेकर कांग्रेस को घेरा। वहीं मुख्यमंत्री यादव ने ग्वालियर खंडपीठ परिसर में बाबा साहेब अंबेडकर की प्रतिमा स्थापित करने को लेकर कहा है कि मुख्य न्यायाधीश का जो निर्देश होगा उसके मुताबिक कार्रवाई की जाएगी।

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Created On :   23 Jun 2025 12:09 PM IST

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