राजनीति: 'पहले लाठी, अब तलवार, कल एके-47 से केक काटेंगे?', लालू यादव पर मांझी का तंज

पहले लाठी, अब तलवार, कल एके-47 से केक काटेंगे?, लालू यादव पर मांझी का तंज
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने अपने जन्मदिन के अवसर पर तलवार से केक काटा, जिस पर राजनीति गरमाई हुई है। तलवार से केक काटने पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने लालू यादव पर तल्ख टिप्पणी की। मांझी ने सवाल करते हुए कहा कि जब वह सत्ता में थे तो लाठी की राजनीति करते थे, अब तलवार से केक काटकर क्या संदेश देना चाहते हैं?

नई दिल्ली, 11 जून (आईएएनएस)। बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने अपने जन्मदिन के अवसर पर तलवार से केक काटा, जिस पर राजनीति गरमाई हुई है। तलवार से केक काटने पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी ने लालू यादव पर तल्ख टिप्पणी की। मांझी ने सवाल करते हुए कहा कि जब वह सत्ता में थे तो लाठी की राजनीति करते थे, अब तलवार से केक काटकर क्या संदेश देना चाहते हैं?

समाचार एजेंसी आईएएनएस से खास बातचीत में जीतन राम मांझी ने कहा कि लालू यादव से मेरा कोई व्यक्तिगत बैर नहीं है। मैं सिर्फ उनके कार्यों और कृत्यों को देखता हूं। जब वह सत्ता में थे, तो 'लाठी बजाओ, तेल पिलाओ' की नीति से लोगों को गुमराह किया। कानून-व्यवस्था को भी बिगाड़ा और आज वह तलवार से केक काटते हैं। क्या तलवार से केक काटना उचित है? वह क्या जताना चाहते हैं? पहले लाठी लहराकर समाज को भटकाया और अब तलवार से केक काटकर अपनी ताकत दिखाना चाहते हैं?

मांझी ने आगे कहा कि तलवार से केक काटने से उन्हें कोई फायदा नहीं होगा। यह गलत है। तलवार से केक काटना गलत है। अगर कल उन्हें सत्ता मिली, तो क्या वह एके-47 से केक काटेंगे? क्या यह उचित है? समाज को यह समझना चाहिए, इसलिए मैंने पोस्ट किया।

इससे पहले मांझी ने एक्स पोस्ट में तलवार से केक काटते हुए लालू यादव की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, "लाठी में तेल पिलवाकर समाज को बांटने वालों के व्यवहार में बदलाव आ ही नहीं सकता। आज जब सरकार में नहीं हैं तो साहेब तलवार से केक काट रहे हैं, गलती से बेटवा कुछ बन गया तो एके-47 से केक को उड़ाया जाएगा। है ना लालू जी। खैर जन्मदिन की बधाई।"

बिहार की कानून-व्यवस्था पर लालू यादव और विपक्ष के सवालों पर मांझी ने कहा कि 14 करोड़ की जनसंख्या वाले राज्य में घटनाएं होती हैं, लेकिन अब उन पर त्वरित कार्रवाई होती है। आज के शासन में अपराधियों को सजा मिलती है। दूसरी तरफ, लालू यादव के शासनकाल में अपराधियों और पीड़ितों के बीच समझौते कराए जाते थे। आज वैसा नहीं होता, यह फर्क है।

उन्होंने यह भी कहा कि वह प्रार्थना करते हैं कि वैसी अव्यवस्था फिर कभी बिहार में न लौटे।

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Created On :   11 Jun 2025 10:14 PM IST

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