अंतरराष्ट्रीय: चीनी महावाणिज्य दूत श्यू वेई ने 5वें चीन-दक्षिण एशिया सहयोग मंच में भाग लिया

चीनी महावाणिज्य दूत श्यू वेई ने 5वें चीन-दक्षिण एशिया सहयोग मंच में भाग लिया
चीनी विदेश मंत्रालय और चीन की युन्नान प्रांतीय सरकार द्वारा आयोजित 5वां चीन-दक्षिण एशिया सहयोग मंच चीन के युन्नान प्रांत के खुनमिंग शहर में हुआ। चीनी महावाणिज्य दूत श्यू वेई ने उद्घाटन समारोह और मुख्य मंच में ऑनलाइन भाग लिया और उप-मंच 'मानवीय आदान-प्रदान को मजबूत करें और लोगों के दिलों के बीच संपर्क को बढ़ाएं' पर एक वीडियो भाषण दिया।

बीजिंग, 26 जुलाई (आईएएनएस)। चीनी विदेश मंत्रालय और चीन की युन्नान प्रांतीय सरकार द्वारा आयोजित 5वां चीन-दक्षिण एशिया सहयोग मंच चीन के युन्नान प्रांत के खुनमिंग शहर में हुआ। चीनी महावाणिज्य दूत श्यू वेई ने उद्घाटन समारोह और मुख्य मंच में ऑनलाइन भाग लिया और उप-मंच 'मानवीय आदान-प्रदान को मजबूत करें और लोगों के दिलों के बीच संपर्क को बढ़ाएं' पर एक वीडियो भाषण दिया।

इस उप-मंच में भारत, बांग्लादेश, नेपाल, मालदीव और अन्य देशों से लगभग 200 मेहमानों ने भाग लिया।

अपने भाषण में चीनी महावाणिज्य दूत श्यू वेई ने चीन-दक्षिण एशिया सहयोग को बढ़ावा देने में दक्षिण एशिया मंच की सकारात्मक भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि चीन-भारत मित्रता का एक लंबा इतिहास है और आदान-प्रदान व आपसी सीख प्राचीन से वर्तमान तक जारी है। चीन और भारत का समान विकास दोनों देशों और दोनों देशों के लोगों के बुनियादी हितों के अनुरूप है। आशा है कि दोनों पक्ष मानवीय आदान-प्रदान के माध्यम से आपसी समझ और मैत्रीपूर्ण सहयोग को बढ़ाएंगे।

इस वर्ष से, कोलकाता में चीनी महावाणिज्य दूतावास ने रवीन्द्र नाथ टैगोर की चीन यात्रा की 100वीं वर्षगांठ के मौके पर पूर्वी भारत के विद्वानों और कलाकारों को 'टैगोर के मार्ग पर फिर से चलने' के लिए संगठित किया और भारत के स्थानीय बौद्ध भिक्षुओं के लिए युन्नान की यात्रा की व्यवस्था की, भारतीय क्रिकेट कोचों को प्रशिक्षण के लिए शांगहाई जाने में समर्थन दिया, पूर्वी भारत के युवा प्रतिनिधिमंडल को युन्नान का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया, जिनमें सार्थक परिणाम प्राप्त हुए।

चीनी महावाणिज्य दूतावास चीन और भारत के बीच मानवीय आदान-प्रदान को बढ़ावा देना जारी रखेगा और द्विपक्षीय संबंधों के स्वस्थ और स्थिर विकास को बढ़ावा देगा। भारतीय युवा प्रतिनिधिमंडल के प्रमुख ने कहा कि दो प्राचीन सभ्यता वाले देशों के रूप में भारत व चीन का लंबा इतिहास है और अनूठे रिश्ते हैं। जल्द से जल्द सभी स्तरों पर आदान-प्रदान फिर से शुरू करना चाहिए और मानवीय आदान-प्रदान को दोनों देशों के बीच आपसी समझ को गहरा करने में महत्वपूर्ण माध्यम बनाने की उम्मीद है।

(साभार- चाइना मीडिया ग्रुप, पेइचिंग)

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Created On :   26 July 2024 11:57 PM IST

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