फर्जी फायर इंश्योरेंस क्लेम घोटाला दो दोषियों को 5 साल की सजा, 60 लाख का जुर्माना

फर्जी फायर इंश्योरेंस क्लेम घोटाला दो दोषियों को 5 साल की सजा, 60 लाख का जुर्माना
सीबीआई मामलों की विशेष अदालत (अहमदाबाद) ने मंगलवार को एक पुराने फर्जी फायर इंश्योरेंस क्लेम घोटाले में दो लोगों को दोषी ठहराते हुए 5-5 साल की कारावास और कुल 60 लाख रुपए का जुर्माना सुनाया है।

अहमदाबाद, 23 सितंबर (आईएएनएस)। सीबीआई मामलों की विशेष अदालत (अहमदाबाद) ने मंगलवार को एक पुराने फर्जी फायर इंश्योरेंस क्लेम घोटाले में दो लोगों को दोषी ठहराते हुए 5-5 साल की कारावास और कुल 60 लाख रुपए का जुर्माना सुनाया है।

जिन दो लोगों को सजा सुनाई गई है, उनमें पहला आरोपी राशिक जे पटेल दलसानिया (मीरा केमिकल्स, जीआईडीसी पनोली, भरूच का पार्टनर है) को 5 साल की सजा और 45 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। वहीं दूसरा दोषी संजय रमेश चित्रे (एसआर चित्रे एंड कंपनी का प्रोप्राइटर और सर्वेयर था) को 5 साल की सजा और 15 लाख रुपए का जुर्माना भरने का आदेश दिया गया है।

यह मामला 29 जून 2006 को सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच, गांधीनगर द्वारा दर्ज किया गया था। सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर केस की शुरुआत हुई। आरोप था कि यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड (यूआईआईसीएल) के कुछ अधिकारियों ने एक फर्जी इंश्योरेंस क्लेम को पास करने के लिए आपराधिक साजिश रची थी और 36,86,451 रुपए का गलत भुगतान किया गया।

जांच में पता चला कि मीरा केमिकल्स के कारखाने में 20 जनवरी 2002 को आग लग गई थी, जिससे बिल्डिंग, मशीनरी और केमिकल्स को भारी नुकसान पहुंचा। फर्म ने यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस कंपनी में दावा किया और नुकसान का आकलन करने के लिए संजय चित्रे की फर्म को सर्वेयर नियुक्त किया गया।

सर्वेयर ने नुकसान 36,92,137 रुपए आंका और यूआईआईसीएल के ब्रांच और डिविजनल ऑफिस से जांच के बाद क्लेम को मंजूरी दे दी गई। लेकिन सीबीआई जांच में खुलासा हुआ कि क्लेम के साथ नकली बिल, फर्जी वाउचर और बनावटी दस्तावेज लगाए गए थे ताकि नुकसान को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जा सके।

सीबीआई ने 31 दिसंबर 2008 और 28 अक्टूबर 2010 को दो चार्जशीट दाखिल कीं। इन चार्जशीट्स में मीरा केमिकल्स के पार्टनर राशिक पटेल, सर्वेयर संजय चित्रे के अलावा यूआईआईसीएल के 5 अधिकारी भी आरोपी बनाए गए। इन पर धोखाधड़ी, जालसाजी, फर्जी दस्तावेज पेश करना और आपराधिक साजिश जैसे गंभीर आरोप थे।

विशेष न्यायालय में मुकदमे के दौरान 34 गवाहों की गवाही और 234 दस्तावेजों को सबूत के तौर पर पेश किया गया। कोर्ट ने राशिक पटेल और संजय चित्रे को दोषी पाया और दोनों को सजा सुनाई।

मामले में शामिल यूआईआईसीएल के सभी अधिकारियों को अदालत ने आरोपों से बरी कर दिया। वहीं, एक अन्य आरोपी चेरुकाटकोचु गोपालन की मुकदमे के दौरान मृत्यु हो गई, जिस कारण उनके खिलाफ केस समाप्त कर दिया गया।

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Created On :   23 Sept 2025 10:12 PM IST

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