राजनीति: बिहार में 65 प्रतिशत आरक्षण बढ़ाने का काम नीतीश सरकार ने किया था, राजद राजनीतिक रोटी सेंक रही दिलीप जायसवाल

पटना, 9 जून (आईएएनएस)। बिहार भाजपा के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव के आरक्षण को 65 प्रतिशत बढ़ाने की मांग को लेकर दिए गए बयान पर जबरदस्त पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र में 65 साल और बिहार में 15 साल शासन के दौरान राजद और कांग्रेस ने आरक्षण को लेकर कुछ नहीं किया और अब ये इस पर राजनीति कर रहे हैं।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि बिहार में 65 प्रतिशत आरक्षण बढ़ाने का काम भी नीतीश कुमार की सरकार ने किया है और मामला कोर्ट में है।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस ने काका कालेलकर की रिपोर्ट को 30 सालों तक ठंडे बस्ते में डाल दिया। इन लोगों को शर्म नहीं आती है। ये दोहरा चरित्र रखते हैं। आरक्षण का फैसला नरेंद्र मोदी और नीतीश कुमार की सरकार ने लिया और अब यह रोटी सेंकना चाहते हैं। भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि बिहार की जनता जानती है कि यह वही लालू यादव हैं, जिन्होंने 15 साल बिहार की सत्ता में रहने के बाद भी आरक्षण का कोई काम नहीं किया। नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद पिछड़ा आयोग को संवैधानिक दर्जा दिया गया। जननायक कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न से सम्मानित किया। आज इनसे यह पूछा जाना चाहिए।
इससे पहले विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट करते हुए लिखा कि सीएम नीतीश कुमार ने मेरे पत्र का जवाब इसलिए नहीं दिया क्योंकि उनके पास जवाब नहीं है अथवा वे आदतन ऐसा करते हैं या अधिकारी उन्हें पत्र दिखाते नहीं हैं?
उन्होंने आगे लिखा, "सामाजिक न्याय का ढोल पीटने वाले ऐसे दल जिनके बलबूते मोदी सरकार चल रही है वो हमारी सरकार द्वारा बढ़ाई गई 65 प्रतिशत आरक्षण सीमा को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल कराने में असफल क्यों हैं? मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान, जीतनराम मांझी, उपेंद्र कुशवाहा को दलित, आदिवासी, पिछड़ा-अति पिछड़ा वर्गों की इस हकमारी के खिलाफ आरक्षण पर मुंह खोलना चाहिए। सिर्फ़ कुर्सी से चिपके रहने के लिए राजनीति नहीं होती है।"
उन्होंने यह भी कहा कि अगर प्रधानमंत्री से ये सब लोग इस छोटी सी मांग को भी पूरा नहीं करा सकते हैं तो इनका अपनी राजनीति एवं ऐसे गठबंधन में रहना धिक्कार है। अगर नीतीश कुमार, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के सामने इस विषय पर कुछ बोलने में असमर्थ हैं तो उन्हें विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाना चाहिए। फिर देखिए कैसे हम इसे लागू कराते हैं।
उल्लेखनीय है कि कुछ दिन पहले तेजस्वी ने इस संबंध में नीतीश कुमार को पत्र भी लिखा था।
--आईएएनएस
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Created On :   9 Jun 2025 2:46 PM IST