आपदा: उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने से भारी तबाही, हर्षिल आर्मी कैंप के जवान लापता

उत्तरकाशी के धराली में बादल फटने से भारी तबाही, हर्षिल आर्मी कैंप के जवान लापता
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित धराली गांव के पास मंगलवार दोपहर बादल फटने से भारी तबाही मची है। इस घटना में भारतीय सेना का हर्षिल कैंप भी प्रभावित हुआ है और सेना के करीब 7 से 10 जवानों के लापता होने की सूचना है। सेना के आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

देहरादून, 5 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में स्थित धराली गांव के पास मंगलवार दोपहर बादल फटने से भारी तबाही मची है। इस घटना में भारतीय सेना का हर्षिल कैंप भी प्रभावित हुआ है और सेना के करीब 7 से 10 जवानों के लापता होने की सूचना है। सेना के आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी है।

सेना के अनुसार, बादल फटने की घटना दोपहर 1:45 बजे धराली गांव के पास हुई, जो कि हर्षिल स्थित भारतीय सेना के कैंप से मात्र 4 किलोमीटर की दूरी पर है। घटना के तुरंत बाद इलाके में भारी भूस्खलन और बाढ़ जैसे हालात बन गए, जिससे संचार संपर्क भी टूट गया है। सेना ने बताया कि जैसे ही घटना की जानकारी मिली, राहत और बचाव कार्य के लिए 150 जवानों की टुकड़ी को मौके पर भेजा गया।

सेना की टीमें स्थानीय लोगों की मदद के साथ राहत कार्यों में जुटी हैं। सेना की ओर से कहा गया है, "स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है और प्रभावित लोगों को हर संभव मदद पहुंचाई जा रही है। भारतीय सेना राहत कार्यों के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।"

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस घटना को 'बेहद दुखद और चिंता का विषय' बताया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, "उत्तरकाशी के धराली क्षेत्र में बादल फटने से भारी क्षति की खबर अत्यंत दुखद और पीड़ादायक है। एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, जिला प्रशासन एवं अन्य संबंधित टीमें राहत एवं बचाव कार्यों में युद्ध स्तर पर जुटी हैं।"

दूसरे पोस्ट में सीएम धामी ने लिखा, "देहरादून स्थित आपदा कंट्रोल रूम पहुंचकर धराली (उत्तरकाशी) में बादल फटने से उत्पन्न हुई स्थिति की जानकारी ली। प्रशासन को प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्यों को युद्धस्तर पर संचालित करने के निर्देश दिए। उत्तरकाशी में जिलास्तरीय आपात नियंत्रण कक्ष की स्थापना की गई है और विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम घटनास्थल के लिए रवाना कर दी गई है।"

उन्होंने लिखा, "प्रभावितों को सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने, आवश्यक चिकित्सा एवं राहत सामग्री उपलब्ध कराने, घायलों को बेहतर उपचार मुहैया कराने सहित उन्हें हर संभव सहायता पहुंचाने हेतु प्रशासन को 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहने के निर्देश दिए हैं।"

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Created On :   5 Aug 2025 10:25 PM IST

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