राजनीति: जम्मू-कश्मीर के डोडा में शहीद संजीवन सिंह 11वें बलिदान दिवस पर फहराया गया 75 फीट का तिरंगा

जम्मू-कश्मीर के डोडा में शहीद संजीवन सिंह 11वें बलिदान दिवस पर फहराया गया 75 फीट का तिरंगा
जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के दुर्गा नगर गांव के लोगों ने सोमवार को 75 फीट ऊंचा राष्ट्रीय तिरंगा स्थापित किया। यह ध्वज शहीद हेड कांस्टेबल संजीवन सिंह कटोच के नाम पर फहराया गया।

डोडा, 27 जनवरी (आईएएनएस)। जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले के दुर्गा नगर गांव के लोगों ने सोमवार को 75 फीट ऊंचा राष्ट्रीय तिरंगा स्थापित किया। यह ध्वज शहीद हेड कांस्टेबल संजीवन सिंह कटोच के नाम पर फहराया गया।

शहीद हेड कांस्टेबल संजीवन सिंह कटोच 27 जनवरी 2015 को श्रीनगर के त्राल इलाके में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गए थे। उनके नाम पर यह राष्ट्रीय ध्वज गांव वालों की श्रद्धांजलि का प्रतीक बन गया है।

शहीद की पत्नी मंजू बंद्राल ने कहा कि इस तिरंगे को फहराने की तैयारी पिछले दो साल से की जा रही थी और आज उनका सपना पूरा हुआ है।

उन्होंने कहा कि उनके पति की शहादत के बाद यह अवसर उनके लिए बहुत मायने रखता है। मंजू ने गर्व से कहा, "हम दो साल से इस तिरंगे को फहराने की तैयारी में लगे थे। आज मेरे पति के 11वें बलिदान दिवस यानी 27 जनवरी को वह दिन आ ही गया। मुझे मेरे पति पर बहुत गर्व होता है। सबके नसीब में शहादत भी नहीं होती है। कोई ही भाग्यशाली व्यक्ति होता है, जिसको यह मिलती है।"

उन्होंने आगे कहा, "इस मौके पर हम लोग विभिन्न आयोजन कर रहे हैं। इस आयोजन में हमारे गांव के लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। मेरे पति मेरे आसपास के इलाकों के लोगों के लिए प्रेरणास्रोत हैं। यही वजह है कि नए लड़के सेना में शामिल हो रहे हैं। मेरी बेटी ने अपने पापा को नहीं देखा। मेरे पति के जाने के छह महीने के बाद बेटी का जन्म हुआ। लेकिन, मेरी बेटी मेरे पति से इतना प्रभावित है कि वह कहती है कि उसे आईपीएस अफसर बनना है।"

इस अवसर पर शहीद संजीवन सिंह कटोच की भांजी कनिका ने कहा, "यह झंडा 75 फीट ऊंचा है। यह मेरे मामा संजीवन सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए फहराया गया है। इससे पहले भी उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए बहुत सी चीजें की गई हैं। जैसे इस गांव की शुरुआत में उनके नाम से एक गेट बनाया गया है। इसके अलावा उनके नाम पर एक स्कूल भी बनाया जा रहा है। इस गांव के लड़के मेरे मामा जी से बहुत प्रेरित हैं। यही वजह है कि यहां के लड़के सेना में जाने के लिए जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं। यह हमारे लिए बहुत गर्व की बात है।"

अस्वीकरण: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में BhaskarHindi.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर BhaskarHindi.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है|

Created On :   27 Jan 2025 10:15 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story